अनर्घ
अनर्घ (विशेषण) [नास्ति अर्धो=मूल्यम् यस्य, न. ब.]
- अनमोल, अमूल्य, जिसके मूल्य का अनुमान न लगाया जा सके,-घः गलत या अनुचित मूल्य।[1]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 37 |
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