अप्रतीत
अप्रतीत (विशेषण) [न. त.]
- 1. अप्रसन्न, अप्रहृष्ट
- 2. (सा. शा. में) जो स्पष्ट रूप से न समझा जा सके, एक प्रकार का शब्ददोष (उस शब्द को 'अप्रतीत' कहते हैं जो किसी विशिष्ट स्थान पर ही प्रयुक्त होता हो, सामान्य प्रयोग का शब्द न हो)। दे. काव्य. 7[1]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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