अवच्छिन्न

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search

अवच्छिन्न [भूतकालिक कर्मणि कृदन्त (क्त)] [अव+छिद्+क्त]

1. काटा

2. अलगाया हुआ, बंटा हुआ, पृथक् किया हुआ

3. (तर्कशास्त्र में) अपने विहित विशिष्ट गुणों द्वारा दूसरी सब वस्तुओं से पृथक् की गई वस्तु सीमित, विकृत, निश्चित[1]

4. किसी विशेषण से युक्त, विशिष्ट, विविक्त तथा उपलक्षित[2]


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. दिक्कालद्यनवच्छिन्नमतृ 2/1
  2. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 116 |

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः