अवमर्ष:
अवमर्षः (पुल्लिंग) [अव+मृप्+घञ्]
1. विचारविमर्श, आलोचना
2. नाटक की पाँच मुख्य सन्धियों में से एक-यत्र मुख्यफलोपाय उद्भिन्नो गर्भतोऽधिकः, शापाद्यैः सान्तरायश्च सोऽवमर्ष इति स्मृतः।[1]; 'विमर्ष' भी इसी को कहते हैं।
3. आक्रमण करना[2]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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