जिनका पानी उतर गया -शिवदीन राम जोशी

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जिनका पानी उतर गया-शिवदीन राम जोशी
जिनका पानी उतर गया उनका घट गया मोल,
बिन पानी का मानवा, पशुवत ही रहे डोल ।
पशुवत ही रहे डोल, कौन पूछे फिर भैया,
बने न फिर वह बात, कमले लाख रुपैया ।
यातें पानी राखिये कहे सत्य शिवदीन,
सच्चे का दोउ लोक में सब ही करें यकीन ।
                                राम गुण गायरे ||



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