बृहज्जातकम

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बृहज्जातकम ज्योतिषशास्त्र का एक प्रसिद्ध ग्रन्थ है। इसकी रचना वराहमिहिर ने की है। इस ग्रन्थ की रचना गुप्त काल की प्राचीन नगरी उज्जयिनी में की गई थी।

  • बृहज्जातकम ग्रन्थ में वराहमिहिर ने स्वयं के बारे में भी कुछ जानकारी दी है।
  • यवन ज्योतिष के अनेक परिभाषिक शब्दों का प्रयोग इसमें किया गया है।
  • अनेक यवनाचार्यों का उल्लेख भी इसमें प्रमुख रूप से है।
  • ग्रन्थ की शैली बहुत ही प्रभावपूर्ण व कवित्वमयी है।
  • बृहज्जातकम में व्यक्त प्रतिभा की प्रशंसा पाश्चयात्य विद्वानों ने भी की है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सं.वा.को. (द्वितीय खण्ड), पृष्ठ 218

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