भूप गनत लघु गुनिन को -रहीम
भूप गनत लघु गुनिन को, गुनी गनत लघु भूप ।
‘रहिमन’ गिरि ते भूमि लौं, लखौ एकै रूप ॥
- अर्थ
राजा की दृष्टि में गुणी छोटे हैं, और गुणी राजा को छोटा मानते हैं। पहाड़ पर चढ़ कर देखो तो न तो कोई बड़ा है, न कोई छोटा, सब समान ही दिखाई देंगे।
left|50px|link=भावी काहू ना दही -रहीम|पीछे जाएँ | रहीम के दोहे | right|50px|link=माँगे घटत रहीम पद -रहीम|आगे जाएँ |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख