माली आवत देख के -रहीम
माली आवत देख के, कलियन करे पुकारि।
फूले फूले चुनि लिये, कालि हमारी बारि॥
- अर्थ
माली को आते देखकर कलियाँ कहती हैं कि आज तो उसने फूल चुन लिया पर कल को हमारी भी बारी भी आएगी क्योंकि कल हम भी खिलकर फूल हो जाएंगे।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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