रन बन व्याधि बिपत्ति में -रहीम
रन, बन व्याधि, बिपत्ति में, ‘रहिमन’ मरै न रोय ।
जो रक्षक जननी-जठर, सो हरि गए कि सोय ॥
- अर्थ
रणभूमि हो या वन अथवा कोई बीमारी हो या विपदा हो, इन सबके मारे रो-रोकर मरना नहीं चाहिए। जिस प्रभु ने माँ के गर्भ में रक्षा की, वह क्या सो गया है?
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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