रहिमन ओछे नरन सो -रहीम
रहिमन ओछे नरन सो, बैर भली ना प्रीत।
काटे चाटे स्वान के, दोउ भाँति विपरीत॥
- अर्थ
कम दिमाग के व्यक्तियों से ना तो प्रीती और ना ही दुश्मनी अच्छी होती है। जैसे कुत्ता चाहे काटे या चाटे दोनों को विपरीत नहीं माना जाता है।
left|50px|link=मन मोती अरु दूध रस -रहीम|पीछे जाएँ | रहीम के दोहे | right|50px|link=रहिमन धागा प्रेम का -रहीम|आगे जाएँ |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख