रहिमन कुटिल कुठार ज्यों -रहीम

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‘रहिमन’ कुटिल कुठार ज्यों, करि डारत द्वै टूक ।
चतुरन के कसकत रहै, समय चूक की हूक ॥

अर्थ

यदि कोई बुद्धिमान व्यक्ति समय चूक गया, तो उसका पछतावा हमेशा कष्ट देता रहता है। कठोर कुठार बनकर उसकी कसक कलेजे के दो टुकड़े कर देती है।


left|50px|link=रहिमन कहत सु पेट सों -रहीम|पीछे जाएँ रहीम के दोहे right|50px|link=रहिमन चुप ह्वै बैठिए -रहीम|आगे जाएँ

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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