रहिमन कुटिल कुठार ज्यों -रहीम
‘रहिमन’ कुटिल कुठार ज्यों, करि डारत द्वै टूक ।
चतुरन के कसकत रहै, समय चूक की हूक ॥
- अर्थ
यदि कोई बुद्धिमान व्यक्ति समय चूक गया, तो उसका पछतावा हमेशा कष्ट देता रहता है। कठोर कुठार बनकर उसकी कसक कलेजे के दो टुकड़े कर देती है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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