वामन सखाराम खरे

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वामन सखाराम खरे (जन्म- 1 अगस्त, 1866, अहमदनगर, महाराष्ट्र; मृत्यु- 1928) प्रसिद्ध राष्ट्रवादी स्वतंत्रता सेनानी एवं अधिवक्ता थे।

परिचय

प्रसिद्ध राष्ट्रवादी वामन सखाराम खरे का जन्म 1 अगस्त 1866 ई. को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में हुआ था। मुंबई विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री लेने के बाद उन्होंने नासिक में वकालत आरंभ की। उनके ऊपर बाल गंगाधर तिलक, अरविंद घोष और बारीन्द्र कुमार घोष जैसे क्रांतिकारियों का प्रभाव था। कुछ समय बाद वे 'अभिनव भारत' नामक क्रांतिकारी संस्था के सदस्य बन गए।[1]

जेल यात्रा

वामन सखाराम खरे 'अभिनव भारत' नामक क्रांतिकारी संस्था के सदस्य बनने के बाद क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग लेने लगे जिसके कारण उन पर दो मुकदमे चले। जैक्सन हत्याकांड के मुकदमे में उन्हें 1910 में 4 वर्ष की कैद की सजा हो गई। इतना ही नहीं उनकी वकालत की सनद छीनने के साथ-साथ सारी संपत्ति भी जब्त कर ली। वामन सखाराम खरे जेल से छूटने के बाद आध्यात्मिक विषयों में रुचि लेने लगे।

मृत्यु

प्रसिद्ध राष्ट्रवादी वामन सखाराम खरे का पक्षाघात के कारण मानसिक अपंगता की स्थिति में 1928 में निधन हो गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 779 |

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