श्रीधर महादेव जोशी
श्रीधर महादेव जोशी ( जन्म- 12 नवंबर, 1904, पुणे ज़िला) महाराष्ट्र के प्रसिद्ध समाजवादी नेता और स्वतंत्रता सेनानी थे। वे महाराष्ट्र विधानसभा और लोकसभा के सदस्य रहे। वे 1943 में गिरफ्तार हुए तो 1946 तक नजर बंद रहे।
परिचय
महाराष्ट्र के प्रसिद्ध समाजवादी नेता श्रीधर महादेव जोशी( एस. एम. जोशी) का जन्म 12 नवंबर, 1904 को पुणे जिले के जुन्नार नामक स्थान में हुआ था। उनकी शिक्षा फर्ग्यूसन कॉलेज, पुणे में हुई थी। विद्यार्थी जीवन से ही वे राजनीतिक कार्यों में रुचि लेने लगे थे। उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ 1928 में पुणे में युवक सम्मेलन आयोजित किया था जिसकी अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी। इन्हीं गतिविधियों के कारण विद्यालय ने उन्हें एम. ए. में प्रवेश नहीं दिया। बाद में उन्होंने मुंबई से कानून की परीक्षा पास की। वे पुणे से महाराष्ट्र विधानसभा और लोकसभा के सदस्य चुने गए। 'समाजवादी पार्टी' के बाद वे 'संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी' के अध्यक्ष बने।[1]
गतिविधियां
श्रीधर महादेव जोशी तेज़ीके साथ राजनैतिक एवं सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने लगे। उन्होंने साइमन कमीशन के बहिष्कार आंदोलन में भाग लिया। 1930 और 1932 के आंदोलन में जेल गये। वे मार्क्सवादी साहित्य के अध्ययन से समाजवाद की ओर आकर्षित हो गए थे। 1934 में कांग्रेस समाजवादी पार्टी के गठन में एस. एम. जोशी का प्रमुख हाथ था। 1937 में कांग्रेस द्वारा पद ग्रहण करने के वे विरोधी थे। द्वितीय विश्व युद्ध आरंभ होने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में मौलवी का वेश बनाकर भूमिगत हो गए थे। 1943 में गिरफ्तार करके उन्हें 1946 तक नजर बंद रखा गया।
श्रमिकों की लड़ाई
श्रीधर श्रमिकों के अधिकारों के लिये लड़ते रहे। 1947 के बाद उनका संबंध अनेक श्रमिक संगठनों से रहा। श्रमिकों की हड़ताल कराने में भी वे अग्रणी रहे। गोवा के मुक्ति संग्राम में भी उन्होंने प्रमुख भाग लिया था। जोशी ने 'डेली न्यू एज' पुणे और 'लोकमित्र' मुम्बई का संपादन भी किया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 868 |
बाहरी कड़ियाँ
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