समय पाय फल होत है -रहीम

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समय पाय फल होत है, समय पाय झरि जात ।
सदा रहै नहिं एक सी, का ‘रहीम’ पछितात ।

अर्थ

क्यों दुखी होते हो और क्यों पछता रहे हो, भाई ! समय आता है, तब वृक्ष फलों से लद जाते हैं, और फिर ऐसा समय आता है, जब उसके सारे फूल और फल झड़ जाते हैं। समय की गति को न जानने-पहचानने वाला ही दुखी होता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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