Search results

Jump to navigation Jump to search
Results 1 – 3 of 3
Advanced search

नामस्थानों में खोजें:

  • ...ृदय में सर्वदा दया और धर्म बसता है, जो अमृत-वाणी बोलते हैं तथा जिनके नेत्र नम्रतावश सदा नीचे रहते हैं। ~ मलूकदास ...तेज झोकों से रुई के कतरों की भांति उड़ कर नष्ट हो जाता है। ~ लक्ष्मीसागर वार्ष्णेय ...
    141 KB (122 words) - 10:04, 11 February 2021
  • * हंसी प्रकृति की सबसे बड़ी नियामत है। ~ डॉ. लक्ष्मणपति वार्ष्णेय ...
    236 KB (274 words) - 08:25, 10 February 2021
  • ...ृदय में सर्वदा दया और धर्म बसता है, जो अमृत-वाणी बोलते हैं तथा जिनके नेत्र नम्रतावश सदा नीचे रहते हैं। ~ मलूकदास ...तेज झोकों से रुई के कतरों की भांति उड़ कर नष्ट हो जाता है। ~ लक्ष्मीसागर वार्ष्णेय ...
    219 KB (198 words) - 10:02, 9 February 2021