अप्रमेय
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अप्रमेय (विशेषण) [न. त.]
- 1. अपरिमित, असीमित, सीमारहित
- 2. जिसका भलीभाँति निश्चय न किया जा सके, न समझा जा सके; अज्ञेय-अचिंत्यस्याप्रमेयस्य कार्यतत्त्वार्थवित्प्रभुः-मनुस्मृति 1/3-यम् ब्रह्म।[1]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑
संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 74 |
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