File:Holi-Barsana-Mathura-14.jpg: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) No edit summary |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "शुरु" to "शुरू") |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
{{चित्र सूचना | |||
|विवरण=[[होली]], [[राधा रानी मंदिर बरसाना|राधा रानी मंदिर]], [[बरसाना]] <br /> Holi, Radha Rani Temple, Barsana | |||
|चित्रांकन= | |||
|दिनांक=वर्ष - 2010 | |||
|स्रोत= | |||
|प्रयोग अनुमति=[[:bd:ब्रज डिस्कवरी:कॉपीराइट|© brajdiscovery.org]] | |||
|चित्रकार= | |||
|उपलब्ध= | |||
|प्राप्ति स्थान= | |||
|समय-काल= | |||
|संग्रहालय क्रम संख्या= | |||
|आभार= | |||
|आकार= | |||
|अन्य विवरण=बरसाने में होली का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। बरसाना में लट्ठमार होली की शुरूआत सोलहवीं शताब्दी में हुई थी। तब से बरसाना में यह परंपरा यूं ही निभाई जा रही है, जिसके अनुसार [[बसंत पंचमी]] के दिन मंदिर में होली का डांढ़ा गड़ जाने के बाद हर शाम गोस्वामी समाज के लोग [[धमार]] गायन करते हैं। | |||
}} | |||
__INDEX__ |
Latest revision as of 12:49, 6 April 2011
विवरण (Description) | होली, राधा रानी मंदिर, बरसाना Holi, Radha Rani Temple, Barsana |
दिनांक (Date) | वर्ष - 2010 |
प्रयोग अनुमति (Permission) | © brajdiscovery.org |
अन्य विवरण | बरसाने में होली का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। बरसाना में लट्ठमार होली की शुरूआत सोलहवीं शताब्दी में हुई थी। तब से बरसाना में यह परंपरा यूं ही निभाई जा रही है, जिसके अनुसार बसंत पंचमी के दिन मंदिर में होली का डांढ़ा गड़ जाने के बाद हर शाम गोस्वामी समाज के लोग धमार गायन करते हैं। |
File history
फ़ाइल पुराने समय में कैसी दिखती थी यह जानने के लिए वांछित दिनांक/समय पर क्लिक करें।
Date/Time | अंगुष्ठ नखाकार (थंबनेल) | Dimensions | User | Comment | |
---|---|---|---|---|---|
current | 12:22, 28 February 2011 | ![]() | 3,000 × 2,008 (2.42 MB) | व्यवस्थापन (talk | contribs) |
You cannot overwrite this file.
File usage
The following page uses this file: