मुझको याद किया जाएगा -गोपालदास नीरज: Difference between revisions

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सुंदरता के दीवानों का
सुंदरता के दीवानों का
लेकिन था मालूम नहीं ये
लेकिन था मालूम नहीं ये
केवल इस गलती के कारण
केवल इस ग़लती के कारण
सारी उम्र भटकने वाला, मुझको शाप दिया जाएगा।
सारी उम्र भटकने वाला, मुझको शाप दिया जाएगा।


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रंग उड़ गए सब सतरंगी
रंग उड़ गए सब सतरंगी
तार-तार हर साँस हो गई
तार-तार हर साँस हो गई
फटा हुआ यह कुर्ता अब तो ज्यादा नहीं सिया जाएगा
फटा हुआ यह कुर्ता अब तो ज़्यादा नहीं सिया जाएगा


जब भी कोई सपना टूटा
जब भी कोई सपना टूटा
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गीत दर्द का पहला बेटा
गीत दर्द का पहला बेटा
दुख है उसका खेल खिलौना
दुख है उसका खेल खिलौना
कविता तब मीरा होगी जब हँसकर जहर पिया जाएगा।
कविता तब मीरा होगी जब हँसकर ज़हर पिया जाएगा।


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Latest revision as of 14:20, 1 October 2012

मुझको याद किया जाएगा -गोपालदास नीरज
कवि गोपालदास नीरज
जन्म 4 जनवरी, 1925
मुख्य रचनाएँ दर्द दिया है, प्राण गीत, आसावरी, गीत जो गाए नहीं, बादर बरस गयो, दो गीत, नदी किनारे, नीरज की पाती, लहर पुकारे, मुक्तकी, गीत-अगीत, विभावरी, संघर्ष, अंतरध्वनी, बादलों से सलाम लेता हूँ, कुछ दोहे नीरज के
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
गोपालदास नीरज की रचनाएँ

आँसू जब सम्मानित होंगे मुझको याद किया जाएगा
जहाँ प्रेम का चर्चा होगा मेरा नाम लिया जाएगा।

मान-पत्र मैं नहीं लिख सका
राजभवन के सम्मानों का
मैं तो आशिक रहा जनम से
सुंदरता के दीवानों का
लेकिन था मालूम नहीं ये
केवल इस ग़लती के कारण
सारी उम्र भटकने वाला, मुझको शाप दिया जाएगा।

खिलने को तैयार नहीं थीं
तुलसी भी जिनके आँगन में
मैंने भर-भर दिए सितारें
उनके मटमैले दामन में
पीड़ा के संग रास रचाया
आँख भरी तो झूमके गाया
जैसे मैं जी लिया किसी से क्या इस तरह जिया जाएगा

काजल और कटाक्षों पर तो
रीझ रही थी दुनिया सारी
मैंने किंतु बरसने वाली
आँखों की आरती उतारी
रंग उड़ गए सब सतरंगी
तार-तार हर साँस हो गई
फटा हुआ यह कुर्ता अब तो ज़्यादा नहीं सिया जाएगा

जब भी कोई सपना टूटा
मेरी आँख वहाँ बरसी है
तड़पा हूँ मैं जब भी कोई
मछली पानी को तरसी है,
गीत दर्द का पहला बेटा
दुख है उसका खेल खिलौना
कविता तब मीरा होगी जब हँसकर ज़हर पिया जाएगा।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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