गयापत्तालक: Difference between revisions
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* स्मरणीय तथ्य यह है कि यहाँ सामान्य जनता से तात्पर्य [[हिन्दू]] जनता से है। | * स्मरणीय तथ्य यह है कि यहाँ सामान्य जनता से तात्पर्य [[हिन्दू]] जनता से है। | ||
* [[गया]] में [[श्राद्ध]] एवं [[पिण्डदान]] तथा गया जाकर पितृ ॠण से मुक्त होने से सम्बन्धित महात्म्य की यह लघु पुस्तिका है। | * [[गया]] में [[श्राद्ध]] एवं [[पिण्डदान]] तथा गया जाकर पितृ ॠण से मुक्त होने से सम्बन्धित महात्म्य की यह लघु पुस्तिका है। |
Latest revision as of 10:35, 14 May 2013
गयापत्तालक महाकवि विद्यापति द्वारा रचिक एक धर्म ग्रंथ हैं।
- यह ग्रन्थ महाकवि ने किसी ख़ास राजा या रानी के आदेश पर किसी का गुनगान करने के लिए नहीं लिखा है। बल्कि इसका सम्बन्ध सामान्य जनता से है।
- स्मरणीय तथ्य यह है कि यहाँ सामान्य जनता से तात्पर्य हिन्दू जनता से है।
- गया में श्राद्ध एवं पिण्डदान तथा गया जाकर पितृ ॠण से मुक्त होने से सम्बन्धित महात्म्य की यह लघु पुस्तिका है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ