Difference between revisions of "उत्तर प्रदेश की जलवायु"
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*राज्य में औसत [[तापमान]] [[जनवरी]] में 12.50 से 17.50 से. रहता है, जबकि [[मई]]-[[जून]] में यह 27.50 से 32.50 से. के बीच रहता है। | *राज्य में औसत [[तापमान]] [[जनवरी]] में 12.50 से 17.50 से. रहता है, जबकि [[मई]]-[[जून]] में यह 27.50 से 32.50 से. के बीच रहता है। | ||
*पूर्व से (1,000 मिमी से 2,000 मिमी) पश्चिम (610 मिमी से 1,000 मिमी) की ओर [[वर्षा]] कम होती जाती है। | *पूर्व से (1,000 मिमी से 2,000 मिमी) पश्चिम (610 मिमी से 1,000 मिमी) की ओर [[वर्षा]] कम होती जाती है। | ||
− | *राज्य में लगभग 90 प्रतिशत वर्षा दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान होती है, जो जून से [[सितम्बर]] तक होती है। | + | *राज्य में लगभग 90 प्रतिशत वर्षा दक्षिण-पश्चिम [[मानसून]] के दौरान होती है, जो जून से [[सितम्बर]] तक होती है। |
*वर्षा के इन चार महीनों में होने के कारण बाढ़ एक आवर्ती समस्या है, जिससे ख़ासकर राज्य के पूर्वी हिस्से में फ़सल, जनजीवन व सम्पत्ति को भारी नुक़सान पहुँचता है। | *वर्षा के इन चार महीनों में होने के कारण बाढ़ एक आवर्ती समस्या है, जिससे ख़ासकर राज्य के पूर्वी हिस्से में फ़सल, जनजीवन व सम्पत्ति को भारी नुक़सान पहुँचता है। | ||
*मानसून की लगातार विफलता के परिणामस्वरूप सूखा पड़ता है व फ़सल का नुक़सान होता है। | *मानसून की लगातार विफलता के परिणामस्वरूप सूखा पड़ता है व फ़सल का नुक़सान होता है। | ||
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Latest revision as of 11:17, 7 June 2013
- uttar pradesh ki jalavayu ushnakatibandhiy manasooni hai.
- rajy mean ausat tapaman janavari mean 12.50 se 17.50 se. rahata hai, jabaki mee-joon mean yah 27.50 se 32.50 se. ke bich rahata hai.
- poorv se (1,000 mimi se 2,000 mimi) pashchim (610 mimi se 1,000 mimi) ki or varsha kam hoti jati hai.
- rajy mean lagabhag 90 pratishat varsha dakshin-pashchim manasoon ke dauran hoti hai, jo joon se sitambar tak hoti hai.
- varsha ke in char mahinoan mean hone ke karan badh ek avarti samasya hai, jisase khasakar rajy ke poorvi hisse mean fasal, janajivan v sampatti ko bhari nuqasan pahuanchata hai.
- manasoon ki lagatar viphalata ke parinamasvaroop sookha p data hai v fasal ka nuqasan hota hai.
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