पवनार आश्रम: Difference between revisions

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{{सूचना बक्सा ऐतिहासिक स्थान
'''पवनार आश्रम''' यावात्माल-नागपुर उच्च मार्ग से सटे है . करीब १५ एकड़ की जमीन पर बना यह आश्रम तमाम तरह  की प्राकृतिक विविधता अपने में समेटे है. कृत्रिमता से कोसों दूर. सब कुछ असली. बनावटी दुनिया के जामने में असली की बात हो तो आकर्षण तो होगा ही. शायद इसी कारण यहाँ आने वाले लोगों में सबसे अधिक पढ़े लिखे लोग ही होते हैं.
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*[[भूदान आन्दोलन]] के प्रणेता विनोबा जी द्वारा स्थापित है यह आश्रम. विनोबा जी ने महिलाओं के लिए ख़ास तौर से यह आश्रम बनवाया था. वैसी महिलाएंजो मीराबाई की तरह अपने को साध्वी जीवन में रखना चाहती हैं, उनके लिए.
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'''पवनार आश्रम''' [[महाराष्ट्र]] के [[वर्धा ज़िला|वर्धा ज़िले]] के [[पवनार]] नामक गाँव में स्थित है।
==विशेषताएँ==
*क़रीब 15 एकड़ की जमीन पर बना यह आश्रम तमाम तरह  की प्राकृतिक विविधता अपने में समेटे है।
* कृत्रिमता से कोसों दूर, सब कुछ असली, बनावटी दुनिया के जामने में असली की बात हो तो आकर्षण तो होगा ही। शायद इसी कारण यहाँ आने वाले लोगों में सबसे अधिक पढ़े लिखे लोग ही होते हैं।
*भूदान आन्दोलन के प्रणेता [[विनोबा जी]] द्वारा स्थापित है यह आश्रम।
* विनोबा जी ने महिलाओं के लिए ख़ास तौर से यह आश्रम बनवाया था। इसे ऐसी महिलाएं के लिए बनवाया गया जो [[मीराबाई]] की तरह अपने को साध्वी जीवन में रखना चाहती हों।
* आश्रम की महिलाएं इसे आश्रम नहीं ब्रह्म विद्या मंदिर कहती हैं।
*विनोबा जी की समाधि वाले कमरे के बाहर एक प्रौढ़ा [[जयप्रकाश नारायण]] की दत्तक पुत्री है- मनोरमा।
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==बाहरी कड़ियाँ==
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Latest revision as of 04:05, 23 November 2013

पवनार आश्रम
विवरण क़रीब 15 एकड़ की जमीन पर बना यह आश्रम तमाम तरह की प्राकृतिक विविधता अपने में समेटे है।
राज्य महाराष्ट्र
ज़िला वर्धा ज़िला
प्रसिद्धि विनोबा भावे का समाधि स्थल
चित्र:Map-icon.gif गूगल मानचित्र
संबंधित लेख पवनार, विनोबा भावे, सेवाग्राम
अन्य जानकारी इसे ऐसी महिलाएं के लिए बनवाया गया जो मीराबाई की तरह अपने को साध्वी जीवन में रखना चाहती हों।

पवनार आश्रम महाराष्ट्र के वर्धा ज़िले के पवनार नामक गाँव में स्थित है।

विशेषताएँ

  • क़रीब 15 एकड़ की जमीन पर बना यह आश्रम तमाम तरह की प्राकृतिक विविधता अपने में समेटे है।
  • कृत्रिमता से कोसों दूर, सब कुछ असली, बनावटी दुनिया के जामने में असली की बात हो तो आकर्षण तो होगा ही। शायद इसी कारण यहाँ आने वाले लोगों में सबसे अधिक पढ़े लिखे लोग ही होते हैं।
  • भूदान आन्दोलन के प्रणेता विनोबा जी द्वारा स्थापित है यह आश्रम।
  • विनोबा जी ने महिलाओं के लिए ख़ास तौर से यह आश्रम बनवाया था। इसे ऐसी महिलाएं के लिए बनवाया गया जो मीराबाई की तरह अपने को साध्वी जीवन में रखना चाहती हों।
  • आश्रम की महिलाएं इसे आश्रम नहीं ब्रह्म विद्या मंदिर कहती हैं।
  • विनोबा जी की समाधि वाले कमरे के बाहर एक प्रौढ़ा जयप्रकाश नारायण की दत्तक पुत्री है- मनोरमा।
  • वर्तमान में इस आश्रम के व्यवस्थापक विनोबा भावेके सहयोगी रहे श्री गौतम बजाज है


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख