बुधवार व्रत की आरती: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('<blockquote><span style="color: maroon"><poem>आरती युगलकिशोर की कीजै। तन मन धन न्...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
(4 intermediate revisions by 2 users not shown)
Line 8: Line 8:
नन्दनन्दन बृजभान किशोरी। परमानन्द स्वामी अविचल जोरी॥</poem></span></blockquote>
नन्दनन्दन बृजभान किशोरी। परमानन्द स्वामी अविचल जोरी॥</poem></span></blockquote>


{{लेख प्रगति
{{seealso|रविवार व्रत की आरती|शुक्रवार व्रत की आरती}}
|आधार=आधार1
==संबंधित लेख==
|प्रारम्भिक=
{{आरती स्तुति स्तोत्र}}
|माध्यमिक=
[[Category:आरती स्तुति स्तोत्र]]
|पूर्णता=
[[Category:हिन्दू धर्म]] [[Category:हिन्दू धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]]  
|शोध=
}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
[[Category:नया पन्ना]]
__INDEX__
__INDEX__
[[Category:आरती_स्तुति_स्त्रोत]]

Latest revision as of 12:13, 21 March 2014

आरती युगलकिशोर की कीजै। तन मन धन न्यौछावर कीजै॥
गौरश्याम मुख निरखन लीजै। हरि का रूप नयन भर पीजै॥
रवि शशि कोटि बदन की शोभा। ताहि निरखि मेरो मन लोभा॥
ओढ़े नील पीत पट सारी। कुजबिहारी गिरिवरधारी॥
फूलन सेज फूल की माला। रत्न सिंहासन बैठे नन्दलाला॥
कंचन थार कपूर की बाती। हरि आए निर्मल भई छाती॥
श्री पुरुषोत्तम गिरिवरधारी। आरती करें सकल नर नारी॥
नन्दनन्दन बृजभान किशोरी। परमानन्द स्वामी अविचल जोरी॥

  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें

संबंधित लेख