रविवार व्रत की आरती: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "Category:आरती_स्तुति_स्त्रोत" to "Category:आरती स्तुति स्तोत्र") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "Category:हिन्दू धर्म कोश" to "Category:हिन्दू धर्म कोशCategory:धर्म कोश") |
||
(One intermediate revision by the same user not shown) | |||
Line 11: | Line 11: | ||
{{seealso|बुधवार व्रत की आरती|शुक्रवार व्रत की आरती}} | {{seealso|बुधवार व्रत की आरती|शुक्रवार व्रत की आरती}} | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{आरती स्तुति | {{आरती स्तुति स्तोत्र}} | ||
[[Category:आरती स्तुति स्तोत्र]] | [[Category:आरती स्तुति स्तोत्र]] | ||
[[Category:हिन्दू धर्म]] [[Category:हिन्दू धर्म कोश]] | [[Category:हिन्दू धर्म]] [[Category:हिन्दू धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 12:17, 21 March 2014
कहुं लगि आरती दास करेंगे, सकल जगत जाकी जोत विराजे।
सात समुद्र जाके चरणनि बसे, कहा भये जल कुम्भ भरे हो राम।
कोटि भानु जाके नख की शोभा, कहा भयो मन्दिर दीप धरे हो राम।
भार अठारह रामा बलि जाके, कहा भयो शिर पुष्प धरे हो राम।
छप्पन भोग जाके नितप्रति लागे, कहा भयो नैवेद्य धरे हो राम।
अमित कोटि जाके बाजा बाजे, कहा भयो झनकार करे हो राम।
चार वेद जाको मुख की शोभा, कहा भयो ब्रह्म वेद पढ़े हो राम।
शिव सनकादिक आदि ब्रह्मादिक, नारद मुनि जाको ध्यान धरे हो राम।
हिम मन्दार जाके पवन झकोरें, कहा भयो शिर चंवर ढुरे हो राम।
लख चौरासी बन्ध छुड़ाए, केवल हरियश नामदेव गाए हो राम।
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें