कर्नाटक का यातायात: Difference between revisions
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*कर्नाटक में हवाई अडडे [[बैंगलोर]], [[मंगलोर]], हुबली, [[बेलगांव कर्नाटक|बेलगांव]], [[हंपी]] एवं बेलारी में उपलब्ध हैं जिनमें, बैंगलोर हवाई पट्टी से दूसरे देशों के लिए भी विमान सेवा उपलब्ध है। [[मैसूर]] एवं [[गुलबर्गा]], [[बीजापुर]], हासन एवं शिमोगा में इस वर्ष के अंत तक हवाई सेवाएं उपलब्ध होने की उम्मीद है। | *कर्नाटक में हवाई अडडे [[बैंगलोर]], [[मंगलोर]], [[हुबली]], [[बेलगांव कर्नाटक|बेलगांव]], [[हंपी]] एवं बेलारी में उपलब्ध हैं जिनमें, बैंगलोर हवाई पट्टी से दूसरे देशों के लिए भी विमान सेवा उपलब्ध है। [[मैसूर]] एवं [[गुलबर्गा]], [[बीजापुर]], हासन एवं [[शिमोगा]] में इस वर्ष के अंत तक हवाई सेवाएं उपलब्ध होने की उम्मीद है। | ||
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*कर्नाटक में राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्गों की कुल दूरी क्रमश: 3973 किलोमीटर और 9829 किलोमीटर है। | *कर्नाटक में राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्गों की कुल दूरी क्रमश: 3973 किलोमीटर और 9829 किलोमीटर है। | ||
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*राज्य के हवाई अड्डों से 2006-07 में 1.66 लाख टन माल ढोया गया। यह गत वर्ष से 19 प्रतिशत अधिक था। | *राज्य के हवाई अड्डों से 2006-07 में 1.66 लाख टन माल ढोया गया। यह गत वर्ष से 19 प्रतिशत अधिक था। | ||
*'''बैंगलोर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा''' देश का पहला हरे-भरे मैदान वाला अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, यह [[बैंगलोर]] के पास देवनहल्ली में बनाया गया है। यात्री और मालवाहक हवाई जहाजों के लिए बनाये गये हवाई अड्डे की लागत लगभग 2000 करोड़ रुपए की है। यह हवाई अड्डा 28 मई 2008 से शुरू हो गया है। इस हवाई अड्डे के कारण से बैंगलोर शहर विश्व के लिए सरल गंतव्य बन गया है और यहाँ पर सुविधाएं सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार हैं। सरकार ने शिमोगा और गुलबर्गा में हवाई अड्डे विकसित करने की योजना बनाई है। | *'''बैंगलोर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा''' देश का पहला हरे-भरे मैदान वाला अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, यह [[बैंगलोर]] के पास देवनहल्ली में बनाया गया है। यात्री और मालवाहक हवाई जहाजों के लिए बनाये गये हवाई अड्डे की लागत लगभग 2000 करोड़ रुपए की है। यह हवाई अड्डा 28 मई 2008 से शुरू हो गया है। इस हवाई अड्डे के कारण से बैंगलोर शहर विश्व के लिए सरल गंतव्य बन गया है और यहाँ पर सुविधाएं सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार हैं। सरकार ने [[शिमोगा]] और गुलबर्गा में हवाई अड्डे विकसित करने की योजना बनाई है। | ||
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Latest revision as of 11:52, 25 June 2014
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- कर्नाटक में रेलवे के नेटवर्क की कुल लंबाई लगभग 3089 किलोमीटर है।
- कर्नाटक में हवाई अडडे बैंगलोर, मंगलोर, हुबली, बेलगांव, हंपी एवं बेलारी में उपलब्ध हैं जिनमें, बैंगलोर हवाई पट्टी से दूसरे देशों के लिए भी विमान सेवा उपलब्ध है। मैसूर एवं गुलबर्गा, बीजापुर, हासन एवं शिमोगा में इस वर्ष के अंत तक हवाई सेवाएं उपलब्ध होने की उम्मीद है।
- कर्नाटक में 11 बंदरगाह हैं, जिसमे नवीन मंगलोर बंदरगाह शामिल है जो एक मुख्य बंदरगाह है।
- कर्नाटक में राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्गों की कुल दूरी क्रमश: 3973 किलोमीटर और 9829 किलोमीटर है।
सडकें
- कनार्टक में 1971 में 83,749 कि.मी. लम्बी सड़कें थी जो 2007 में बढ़कर 2,15,849 कि.मी. हो गई।
- 'कर्नाटक राजमार्ग सुधार परियोजना' में विश्व बैंक की मदद से 2,375 कि.मी. सड़क को उन्नत करने की योजना है जिसमें 900 कि.मी. का विकास तथा 1475 कि.मी. का पुन: र्निमाण योजित है। इसमें प्रांतीय राजमार्ग और ज़िला सड़कें शामिल हैं। इस पर लगभग 2,402.51 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह मदद सड़कों और पुलों के निर्माण और विकास के लिए ग्रामीण
विकास निधि के अंतर्गत की जा रही है।
बंदरगाह
कनार्टक राज्य में 155 समुद्री मील लगभग 300 कि.मी लंबे समुद्र तट पर केवल एक ही बड़ा बंदरगाह है- मंगलौर या न्यू मंगलौर। इसके अतिरिक्त 10 छोटे बंदरगाह है-
- कारवाड
- बेलेकेरी
- ताद्री
- भत्काल
- कुंडापुर
- हंगरकट्टा
- मालपे
- पदुबिद्री
- होन्नावर
- पुराना मंगलौर
- इन 10 बंदरगाहों में से केवल कावाड़ हर मौसम के लिए उपयुक्त है जबकि शेष नौ बंदरगाहों ऐसे नहीं है। इन बंदरगाहों से 2006-07 में मालवाहक जहाजों के द्वारा 6573 हज़ार टन माल ढोया गया।
उडड्यन
- नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में बहुत विकास और वृध्दि हुई है।
- 2006-07 में अंतरराष्ट्रीय यात्रियों में 50 प्रतिशत और अंतर्देशीय यात्रियों में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
- राज्य के हवाई अड्डों से 2006-07 में 1.66 लाख टन माल ढोया गया। यह गत वर्ष से 19 प्रतिशत अधिक था।
- बैंगलोर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा देश का पहला हरे-भरे मैदान वाला अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, यह बैंगलोर के पास देवनहल्ली में बनाया गया है। यात्री और मालवाहक हवाई जहाजों के लिए बनाये गये हवाई अड्डे की लागत लगभग 2000 करोड़ रुपए की है। यह हवाई अड्डा 28 मई 2008 से शुरू हो गया है। इस हवाई अड्डे के कारण से बैंगलोर शहर विश्व के लिए सरल गंतव्य बन गया है और यहाँ पर सुविधाएं सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार हैं। सरकार ने शिमोगा और गुलबर्गा में हवाई अड्डे विकसित करने की योजना बनाई है।
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