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*रात्रि में [[आकाश तत्त्व|आकाश]] में कई पिण्ड चमकते रहते हैं, इनमें से अधिकतर पिण्ड हमेशा पूरब की दिशा से उठते हैं और एक निश्चित गति प्राप्त करते हैं और पश्चिम की दिशा में अस्त होते हैं। इन पिण्डों का आपस में एक दूसरे के सापेक्ष भी कोई परिवर्तन नहीं होता है। इन पिण्डों को तारा कहा गया है।   
*रात्रि में [[आकाश तत्त्व|आकाश]] में कई पिण्ड चमकते रहते हैं, इनमें से अधिकतर पिण्ड हमेशा पूरब की दिशा से उठते हैं और एक निश्चित गति प्राप्त करते हैं और पश्चिम की दिशा में अस्त होते हैं। इन पिण्डों का आपस में एक दूसरे के सापेक्ष भी कोई परिवर्तन नहीं होता है। इन पिण्डों को तारा कहा गया है।   
*तप्त एवं प्रकाश युक्त आकाशीय पिंड जिसे [[हाइड्रोजन]] से हिलियम में ताप-आण्विक परिवर्तन द्वारा ऊर्जा प्राप्त होती है। यह विभिन्न तत्वों से निर्मित होता है किंतु इसमें सामान्यतः आयन (ion) की प्रधानता होती है। ब्रह्मांड में [[आकाश गंगा]] में अनेक तारे तथा तारा समूह स्थित हैं जिनमें हमारा 'सौर मंडल' भी एक है।  
*तप्त एवं प्रकाश युक्त आकाशीय पिंड जिसे [[हाइड्रोजन]] से हिलियम में ताप-आण्विक परिवर्तन द्वारा ऊर्जा प्राप्त होती है। यह विभिन्न तत्वों से निर्मित होता है किंतु इसमें सामान्यतः आयन (ion) की प्रधानता होती है। ब्रह्मांड में [[आकाश गंगा]] में अनेक तारे तथा तारा समूह स्थित हैं जिनमें हमारा 'सौर मंडल' भी एक है।  
*तारे विभिन्न आकार और घनत्व वाले होते हैं किंतु उनका आकार अधिकांशतः [[पृथ्वी]] के द्रव्यमान के 10वें भाग से लेकर 10 गुना तक पाया जाता है।<ref>{{cite web |url=http://hindi.indiawaterportal.org/%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BE-star|title=तारा|accessmonthday=22मई|accessyear=2011|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिंदी}}</ref>  
*तारे विभिन्न आकार और घनत्व वाले होते हैं किंतु उनका आकार अधिकांशतः [[पृथ्वी]] के द्रव्यमान के 10वें भाग से लेकर 10 गुना तक पाया जाता है।<ref>{{cite web |url=http://hindi.indiawaterportal.org/%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BE-star|title=तारा|accessmonthday=22मई|accessyear=2011|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>  
*[[सूर्य]] एक तारा है। सूर्य सौर मंडल में सबसे बड़ा पिण्ड है। सूर्य सौरमंडल के केन्द्र में स्थित एक तारा हैं, जिसके चारों तरफ पृथ्वी और सौरमंडल के अन्य अवयव घूमते हैं।  
*[[सूर्य]] एक तारा है। सूर्य सौर मंडल में सबसे बड़ा पिण्ड है। सूर्य सौरमंडल के केन्द्र में स्थित एक तारा हैं, जिसके चारों तरफ पृथ्वी और सौरमंडल के अन्य अवयव घूमते हैं।  


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चित्र:Disamb2.jpg तारा एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- तारा (बहुविकल्पी)
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thumb|250px|तारे
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  • रात्रि में आकाश में कई पिण्ड चमकते रहते हैं, इनमें से अधिकतर पिण्ड हमेशा पूरब की दिशा से उठते हैं और एक निश्चित गति प्राप्त करते हैं और पश्चिम की दिशा में अस्त होते हैं। इन पिण्डों का आपस में एक दूसरे के सापेक्ष भी कोई परिवर्तन नहीं होता है। इन पिण्डों को तारा कहा गया है।
  • तप्त एवं प्रकाश युक्त आकाशीय पिंड जिसे हाइड्रोजन से हिलियम में ताप-आण्विक परिवर्तन द्वारा ऊर्जा प्राप्त होती है। यह विभिन्न तत्वों से निर्मित होता है किंतु इसमें सामान्यतः आयन (ion) की प्रधानता होती है। ब्रह्मांड में आकाश गंगा में अनेक तारे तथा तारा समूह स्थित हैं जिनमें हमारा 'सौर मंडल' भी एक है।
  • तारे विभिन्न आकार और घनत्व वाले होते हैं किंतु उनका आकार अधिकांशतः पृथ्वी के द्रव्यमान के 10वें भाग से लेकर 10 गुना तक पाया जाता है।[1]
  • सूर्य एक तारा है। सूर्य सौर मंडल में सबसे बड़ा पिण्ड है। सूर्य सौरमंडल के केन्द्र में स्थित एक तारा हैं, जिसके चारों तरफ पृथ्वी और सौरमंडल के अन्य अवयव घूमते हैं।


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टीका टिप्पणी

  1. तारा (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 22मई, 2011।

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