चल चल रे नौजवान: Difference between revisions

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|अन्य जानकारी=कवि प्रदीप का मूल नाम 'रामचंद्र नारायणजी द्विवेदी' था। प्रदीप [[हिंदी साहित्य]] जगत् और हिंदी फ़िल्म जगत् के एक अति सुदृढ़ रचनाकार रहे। कवि प्रदीप '[[ऐ मेरे वतन के लोगों]]' सरीखे देशभक्ति गीतों के लिए जाने जाते हैं।
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Latest revision as of 13:47, 30 June 2017

चल चल रे नौजवान
विवरण चल चल रे नौजवान एक प्रसिद्ध फ़िल्मी गीत है।
रचनाकार कवि प्रदीप
फ़िल्म बंधन (1940)
संगीतकार रामचंद्र पाल
गायक/गायिका अशोक कुमार, लीला चिटनिस
अन्य जानकारी कवि प्रदीप का मूल नाम 'रामचंद्र नारायणजी द्विवेदी' था। प्रदीप हिंदी साहित्य जगत् और हिंदी फ़िल्म जगत् के एक अति सुदृढ़ रचनाकार रहे। कवि प्रदीप 'ऐ मेरे वतन के लोगों' सरीखे देशभक्ति गीतों के लिए जाने जाते हैं।

दूर तेरा गाँव
और थके पाँव
फिर भी तू हरदम
आगे बढ़ा क़दम
रुकना तेरा काम नहीं
चलना तेरी शान
चल-चल रे नौजवान
चल-चल रे नौजवान

तू आगे बढ़े जा
आफ़त से लड़े जा
आँधी हो या तूफ़ान
फटता हो आसमान
रुकना तेरा काम नहीं
चलना तेरी शान
चल-चल रे नौजवान
चल-चल रे नौजवान

ये है ज़िन्दगी का कारवाँ
आज यहाँ और कल वहाँ
(फिर क्यों तेरा दिल हुआ अधीर
फिर क्यों तेरे नैनों में नीर) – 2
फिर क्यों तेरे प्राणों में पीर
तू न सुना मन की बात कौन सुनेगा
कौन सुनेगा
बन्द कर ज़बान
बन्द कर ज़बान
रुकना तेरा काम नहीं
चलना तेरी शान
चल-चल रे नौजवान
चल-चल रे नौजवान
चल-चल रे नौजवान


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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