युगलकिशोर जी की आरती: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('<blockquote><span style="color: maroon"><poem> आरत्ती युगलकिशोर की कीजै राधे, तन ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
m (Text replacement - "स्वरुप" to "स्वरूप")
 
(5 intermediate revisions by 3 users not shown)
Line 1: Line 1:
* भगवान [[कृष्ण]] का पूजन करते समय कुंजबिहारी आरती की स्तुति की जाती है।
[[चित्र:shyam k.jpg|thumb|300|[[कृष्ण]]<br />Krishna]]
<blockquote><span style="color: maroon"><poem>
<blockquote><span style="color: maroon"><poem>
आरत्ती युगलकिशोर की कीजै राधे, तन मन धन न्यौछावर कीजै |
आरत्ती युगलकिशोर की कीजै राधे, तन मन धन न्यौछावर कीजै
 
रवि शीश कोटि बदन की शोभा, ताहि निरखि मेरी मनलोभा ।। आरती .....
रवि शीश कोटि बदन की शोभा, ताहि निरखि मेरी मनलोभा || आरती .....
गौश्याम मुख निरखत रीझै, प्रभुको स्वरूप नयन भर पीजै ।। आरती .....
 
कंचंनथाल कपुर की बाती, हरि आये निर्मल भई छाती ।। आरती .....
गौश्याम मुख निरखत रीझै, प्रभुको स्वरुप नयन भर पीजै || आरती .....
मोर मुकुट कर मुरली सौहै, नटवर वेष देख मन मौहै ।। आरती .....
 
औढया नील पीत पटसारी, कुंजबिहारी गिरवरधारी ।। आरती .....
कंचंनथाल कपुर की बाती, हरि आये निर्मल भई छाती || आरती .....
श्रीपुरुषोतम गिरवरधारी, आरती करति सकल ब्रजनारी ।। आरती .....
 
नन्दनन्दन वृषभानु किशोर, परमानन्द स्वामी अवीचल जोरी ।। आरती.....
मोर मुकुट कर मुरली सौहै, नटवर वेष देख मन मौहै || आरती .....
</poem></span></blockquote>
 
औढया नील पीत पटसारी, कुंजबिहारी गिरवरधारी || आरती .....
 
श्रीपुरुषोतम गिरवरधारी, आरती करति सकल ब्रजनारी || आरती .....


नन्दनन्दन वृषभानु किशोर, परमानन्द स्वामी अवीचल जोरी || आरती.....
{{seealso|कृष्ण|श्याम चालीसा|आरती संग्रह}}
</poem></span></blockquote>


{{प्रचार}}
{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति
{{लेख प्रगति
|आधार=आधार1
|आधार=
|प्रारम्भिक=
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1
|माध्यमिक=
|माध्यमिक=
|पूर्णता=
|पूर्णता=
|शोध=
|शोध=
}}
}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==संबंधित लेख==
<references/>
{{आरती स्तुति स्तोत्र}}
[[Category:नया पन्ना]]
[[Category:आरती स्तुति स्तोत्र]]
[[Category:हिन्दू धर्म]] [[Category:हिन्दू धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]]  
__INDEX__
__INDEX__
[[Category:आरती_स्तुति_स्त्रोत]]

Latest revision as of 13:18, 29 October 2017

  • भगवान कृष्ण का पूजन करते समय कुंजबिहारी आरती की स्तुति की जाती है।

[[चित्र:shyam k.jpg|thumb|300|कृष्ण
Krishna]]

आरत्ती युगलकिशोर की कीजै राधे, तन मन धन न्यौछावर कीजै ।
रवि शीश कोटि बदन की शोभा, ताहि निरखि मेरी मनलोभा ।। आरती .....
गौश्याम मुख निरखत रीझै, प्रभुको स्वरूप नयन भर पीजै ।। आरती .....
कंचंनथाल कपुर की बाती, हरि आये निर्मल भई छाती ।। आरती .....
मोर मुकुट कर मुरली सौहै, नटवर वेष देख मन मौहै ।। आरती .....
औढया नील पीत पटसारी, कुंजबिहारी गिरवरधारी ।। आरती .....
श्रीपुरुषोतम गिरवरधारी, आरती करति सकल ब्रजनारी ।। आरती .....
नन्दनन्दन वृषभानु किशोर, परमानन्द स्वामी अवीचल जोरी ।। आरती.....

  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख