युगलकिशोर जी की आरती: Difference between revisions
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* भगवान [[कृष्ण]] का पूजन करते समय कुंजबिहारी आरती की स्तुति की जाती है। | * भगवान [[कृष्ण]] का पूजन करते समय कुंजबिहारी आरती की स्तुति की जाती है। | ||
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आरत्ती युगलकिशोर की कीजै राधे, तन मन धन न्यौछावर कीजै | आरत्ती युगलकिशोर की कीजै राधे, तन मन धन न्यौछावर कीजै । | ||
रवि शीश कोटि बदन की शोभा, ताहि निरखि मेरी मनलोभा ।। आरती ..... | |||
गौश्याम मुख निरखत रीझै, प्रभुको स्वरूप नयन भर पीजै ।। आरती ..... | |||
कंचंनथाल कपुर की बाती, हरि आये निर्मल भई छाती ।। आरती ..... | |||
मोर मुकुट कर मुरली सौहै, नटवर वेष देख मन मौहै ।। आरती ..... | |||
औढया नील पीत पटसारी, कुंजबिहारी गिरवरधारी ।। आरती ..... | |||
श्रीपुरुषोतम गिरवरधारी, आरती करति सकल ब्रजनारी ।। आरती ..... | |||
नन्दनन्दन वृषभानु किशोर, परमानन्द स्वामी अवीचल जोरी ।। आरती..... | |||
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Latest revision as of 13:18, 29 October 2017
- भगवान कृष्ण का पूजन करते समय कुंजबिहारी आरती की स्तुति की जाती है।
[[चित्र:shyam k.jpg|thumb|300|कृष्ण
Krishna]]
आरत्ती युगलकिशोर की कीजै राधे, तन मन धन न्यौछावर कीजै ।
रवि शीश कोटि बदन की शोभा, ताहि निरखि मेरी मनलोभा ।। आरती .....
गौश्याम मुख निरखत रीझै, प्रभुको स्वरूप नयन भर पीजै ।। आरती .....
कंचंनथाल कपुर की बाती, हरि आये निर्मल भई छाती ।। आरती .....
मोर मुकुट कर मुरली सौहै, नटवर वेष देख मन मौहै ।। आरती .....
औढया नील पीत पटसारी, कुंजबिहारी गिरवरधारी ।। आरती .....
श्रीपुरुषोतम गिरवरधारी, आरती करति सकल ब्रजनारी ।। आरती .....
नन्दनन्दन वृषभानु किशोर, परमानन्द स्वामी अवीचल जोरी ।। आरती.....
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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