पहेली 15 मार्च 2018: Difference between revisions
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-[[कुषाण काल|कुषाण]] | -[[कुषाण काल|कुषाण]] | ||
+[[गुप्त | +[[गुप्त साम्राज्य|गुप्त]] | ||
-[[शुंग काल|शुंग]] | -[[शुंग काल|शुंग]] | ||
||[[चित्र:Sarnath-Stupa.jpg|right|100px|border|धमेख स्तूप]]'धमेख स्तूप' [[सारनाथ]], [[उत्तर प्रदेश]] में स्थित है। यह [[वाराणसी]] से 13 किलोमीटर की दूरी पर है। इस [[स्तूप]] के निकट ही [[अशोक|मौर्य सम्राट अशोक]] का एक स्तम्भ भी है। ऐसा माना जाता है कि डीयर पार्क में स्थित [[धमेख स्तूप]] ही वह स्थान है, जहाँ [[बुद्ध|भगवान बुद्ध]] ने अपने शिष्यों को प्रथम उपदेश दिया था। इस स्तूप को छ: बार बड़ा किया गया था। इसके बावजूद भी इसका ऊपरी हिस्सा अधूरा ही रहा। इस स्तूप की नींव अशोक के समय में रखी गई थी। इसका विस्तार [[कुषाण काल]] में हुआ, लेकिन [[गुप्त काल]] में यह पूर्णत: बनकर तैयार हुआ।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[धमेख स्तूप]] | ||[[चित्र:Sarnath-Stupa.jpg|right|100px|border|धमेख स्तूप]]'धमेख स्तूप' [[सारनाथ]], [[उत्तर प्रदेश]] में स्थित है। यह [[वाराणसी]] से 13 किलोमीटर की दूरी पर है। इस [[स्तूप]] के निकट ही [[अशोक|मौर्य सम्राट अशोक]] का एक स्तम्भ भी है। ऐसा माना जाता है कि डीयर पार्क में स्थित [[धमेख स्तूप]] ही वह स्थान है, जहाँ [[बुद्ध|भगवान बुद्ध]] ने अपने शिष्यों को प्रथम उपदेश दिया था। इस स्तूप को छ: बार बड़ा किया गया था। इसके बावजूद भी इसका ऊपरी हिस्सा अधूरा ही रहा। इस स्तूप की नींव अशोक के समय में रखी गई थी। इसका विस्तार [[कुषाण काल]] में हुआ, लेकिन [[गुप्त काल]] में यह पूर्णत: बनकर तैयार हुआ।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[धमेख स्तूप]] |
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