प्यार की कहानी चाहिए -गोपालदास नीरज: Difference between revisions

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वो खुदा तेरे बहुत क़रीब है
वो खुदा तेरे बहुत क़रीब है
प्यार का जो रस नहीं है आँखों में
प्यार का जो रस नहीं है आँखों में
कैसा हो अमीर तू गरीब है
कैसा हो अमीर तू ग़रीब है
खाता और बही तो रे बहाना है
खाता और बही तो रे बहाना है
चैक और सही तो रे बहाना है
चैक और सही तो रे बहाना है

Latest revision as of 09:17, 12 April 2018

प्यार की कहानी चाहिए -गोपालदास नीरज
कवि गोपालदास नीरज
जन्म 4 जनवरी, 1925
मुख्य रचनाएँ दर्द दिया है, प्राण गीत, आसावरी, गीत जो गाए नहीं, बादर बरस गयो, दो गीत, नदी किनारे, नीरज की पाती, लहर पुकारे, मुक्तकी, गीत-अगीत, विभावरी, संघर्ष, अंतरध्वनी, बादलों से सलाम लेता हूँ, कुछ दोहे नीरज के
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
गोपालदास नीरज की रचनाएँ

आदमी को आदमी बनाने के लिए
ज़िंदगी में प्यार की कहानी चाहिए
और कहने के लिए कहानी प्यार की
स्याही नहीं, आँखों वाला पानी चाहिए।

जो भी कुछ लुटा रहे हो तुम यहाँ
वो ही बस तुम्हारे साथ जाएगा,
जो छुपाके रखा है तिजोरी में
वो तो धन न कोई काम आएगा,
सोने का ये रंग छूट जाना है
हर किसी का संग छूट जाना है
आखिरी सफर के इंतजाम के लिए
जेब भी कफ़न में इक लगानी चाहिए।
आदमी को आदमी बनाने के लिए
ज़िंदगी में प्यार की कहानी चाहिए

रागिनी है एक प्यार की
ज़िंदगी कि जिसका नाम है
गाके गर कटे तो है सुबह
रोके गर कटे तो शाम है
शब्द और ज्ञान व्यर्थ है
पूजा-पाठ ध्यान व्यर्थ है
आँसुओं को गीतों में बदलने के लिए,
लौ किसी यार से लगानी चाहिए
आदमी को आदमी बनाने के लिए
ज़िंदगी में प्यार की कहानी चाहिए

जो दु:खों में मुस्कुरा दिया
वो तो इक गुलाब बन गया
दूसरों के हक में जो मिटा
प्यार की किताब बन गया,
आग और अँगारा भूल जा
तेग और दुधारा भूल जा
दर्द को मशाल में बदलने के लिए
अपनी सब जवानी खुद जलानी चाहिए।
आदमी को आदमी बनाने के लिए
ज़िंदगी में प्यार की कहानी चाहिए

दर्द गर किसी का तेरे पास है
वो खुदा तेरे बहुत क़रीब है
प्यार का जो रस नहीं है आँखों में
कैसा हो अमीर तू ग़रीब है
खाता और बही तो रे बहाना है
चैक और सही तो रे बहाना है
सच्ची साख मंडी में कमाने के लिए
दिल की कोई हुंडी भी भुनानी चाहिए।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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