पहेली 8 अक्टूबर 2018: Difference between revisions

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+देवदत्त शंख
+देवदत्त शंख
-पोडरिक शंख
-पोडरिक शंख
||[[चित्र:Right-Handed Conch.jpg|right|100px|border||शंखनाद करते श्रीकृष्ण और अर्जुन]][[महाभारत]] के युद्ध में [[कर्ण]] ने विशिष्ट शौर्य का प्रदर्शन किया था। कर्ण को उसकी वीरता और शालीनता के साथ ही साथ एक दानवीर के रूप में भी ख्यातिप्राप्त थी। [[दुर्वासा ऋषि]] के वरदान से [[कुन्ती]] ने [[सूर्य देव|सूर्य]] का आहवान करके [[विवाह]] से पूर्व से ही कौमार्य अवस्था में कर्ण को पुत्र रूप में प्राप्त किया था, किन्तु लोक लाज के भय से उसने शिशु अवस्था में ही कर्ण को नदी में बहा दिया। [[हस्तिनापुर]] के सारथी अधिरथ और उसकी पत्नी राधा ने कर्ण को पाला। इसलिए कर्ण को 'राधेय' भी कहा गयाहै।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शंख]]
||[[चित्र:Right-Handed Conch.jpg|right|100px|border||शंखनाद करते श्रीकृष्ण और अर्जुन]][[महाभारत]] काल में [[श्रीकृष्ण]] ने कई बार अपना 'पंचजन्य शंख' बजाया था। महाभारत युद्ध के समय भगवान श्रीकृष्ण ने पांचजन्य शंख को बजाकर युद्ध का जयघोष किया था। कहते हैं कि यह [[शंख]] जिसके पास होता है, उसकी यश-गाथा कभी कम नहीं होती। महाभारत के इसी युद्ध में [[अर्जुन]] ने 'देवदत्त' नाम का शंख बजाया था। वहीं [[युधिष्ठिर]] के पास 'अनंतविजय' नाम का शंख था, जिसे उन्होंने रणभूमि में बजाया था। इस शंख कि ध्वनि की ये विशेषता मानी जाती है कि इससे शत्रु सेना घबराती है और खुद कि सेना का उत्साह बढता है। [[भीष्म]] ने 'पोडरिक' नामक शंख बजाया था। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शंख]]
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Latest revision as of 08:04, 12 September 2018