इराम हत्याकांड: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
(One intermediate revision by the same user not shown) | |||
Line 9: | Line 9: | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{उड़ीसा के | {{उड़ीसा के ऐतिहासिक स्थान}} | ||
[[Category:उड़ीसा राज्य]][[Category:उड़ीसा राज्य के पर्यटन स्थल]][[Category:पर्यटन कोश]][[Category:इतिहास कोश]] | [[Category:उड़ीसा राज्य]][[Category:उड़ीसा राज्य के ऐतिहासिक स्थान]][[Category:उड़ीसा राज्य के पर्यटन स्थल]][[Category:पर्यटन कोश]][[Category:इतिहास कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 10:27, 8 June 2020
इराम ओडिशा में एक छोटा सा गांव है, यह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह रक्त तीर्थ इराम या भारत का दूसरे जलियांवाला बाग़ के रूप में जाना जाता है।
- इराम गांव बंगाल की खाड़ी में बसा था और दो नदियों गमोई और कंसवंस से घिरा हुआ था।
- यह गांव शहरों से दूर दूरदराज के दुर्गम इलाके में घने जंगलों से घिरा था।
- 1920 से, इराम उत्कल कांग्रेस की बैठकों के लिए एक गुप्त जगह के तरह इस्तमाल किया जाता था।
- गोपबंधु दास, हरेकृष्ण महताब और अन्य कांग्रेस नेताओं ने इराम को सार्वजनिक बैठक के रूप में और भारत छोड़ो आंदोलन या असहयोग आन्दोलन के दौरान महात्मा गांधी के संदेश साझा करने के लिए इस्तेमाल किया था।
|
|
|
|
|