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*यह पक्षी अत्यंत ही शर्मिला होता है और सघन घास में रहना इसका स्वभाव है। यह 'सोहन चिडिया' तथा 'शर्मिला पक्षी' के उपनामों से भी प्रसिद्ध है।
*यह पक्षी अत्यंत ही शर्मिला होता है और सघन घास में रहना इसका स्वभाव है। यह 'सोहन चिडिया' तथा 'शर्मिला पक्षी' के उपनामों से भी प्रसिद्ध है।
*गोडावण एक सर्वाहारी पक्षी है। इसकी खाद्य आदतों में [[गेहूँ]], [[ज्वार]], [[बाजरा]] आदि अनाजों का भक्षण करना शामिल है, किंतु इसका प्रमुख खाद्य टिड्डे आदि कीट है। यह [[साँप]], छिपकली, बिच्छू आदि भी खाता है। इसके साथ ही यह पक्षी [[बेर]] के [[फल]] भी पसंद करता है।
*गोडावण एक सर्वाहारी पक्षी है। इसकी खाद्य आदतों में [[गेहूँ]], [[ज्वार]], [[बाजरा]] आदि अनाजों का भक्षण करना शामिल है, किंतु इसका प्रमुख खाद्य टिड्डे आदि कीट है। यह [[साँप]], छिपकली, बिच्छू आदि भी खाता है। इसके साथ ही यह पक्षी [[बेर]] के [[फल]] भी पसंद करता है।
*गोडावण भारी होने के कारण उड़ नहीं सकता, लेकिन लंबी और मजबूत टांगों के सहारे बहुत तेजी से दौड़ सकता है।
*गोडावण भारी होने के कारण उड़ नहीं सकता, लेकिन लंबी और मजबूत टांगों के सहारे बहुत तेज़ीसे दौड़ सकता है।
*इस विशाल पक्षी को बचाने के लिए राजस्थान सरकार ने हाल ही में एक प्रोजेक्ट तैयार किया है। प्रोजेक्ट का विज्ञापन "मेरी उड़ान न रोकें" जैसे मार्मिक वाक्यांश से किया गया है। गोडावण को बचाने का यह प्रोजेक्ट है- 'ग्रेट इंडियन बस्टर्ड'। गोडावण की रक्षा और संरक्षण के लिए इस प्रोजेक्ट के रूप में कार्य आरंभ करने वाला [[राजस्थान]] पहला राज्य बन चुका है।
*इस विशाल पक्षी को बचाने के लिए राजस्थान सरकार ने हाल ही में एक प्रोजेक्ट तैयार किया है। प्रोजेक्ट का विज्ञापन "मेरी उड़ान न रोकें" जैसे मार्मिक वाक्यांश से किया गया है। गोडावण को बचाने का यह प्रोजेक्ट है- 'ग्रेट इंडियन बस्टर्ड'। गोडावण की रक्षा और संरक्षण के लिए इस प्रोजेक्ट के रूप में कार्य आरंभ करने वाला [[राजस्थान]] पहला राज्य बन चुका है।
*गोडावण का अस्तित्व वर्तमान में खतरे में है तथा इनकी बहुत कम संख्या ही बची हुई है, अर्थात् यह प्रजाति विलुप्ति की कगार पर है।<ref>{{cite web |url= http://www.pinkcity.com/hi/citizen-blogger/godavan-the-pride-of-rajasthan/|title= गोडावण- राजस्थान की शान|accessmonthday=21 जून|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= पिंकसिटी.कॉम|language=हिन्दी}}</ref>
*गोडावण का अस्तित्व वर्तमान में खतरे में है तथा इनकी बहुत कम संख्या ही बची हुई है, अर्थात् यह प्रजाति विलुप्ति की कगार पर है।<ref>{{cite web |url= http://www.pinkcity.com/hi/citizen-blogger/godavan-the-pride-of-rajasthan/|title= गोडावण- राजस्थान की शान|accessmonthday=21 जून|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= पिंकसिटी.कॉम|language=हिन्दी}}</ref>

Latest revision as of 08:20, 10 February 2021

thumb|250px|गोडावण पक्षी गोडावण ('द ग्रेट इंडियन बस्टर्ड'; वैज्ञानिक नाम - Ardeotis nigriceps) एक पक्षी, जो आकार में काफ़ी बड़ा तथा वजन में भारी होता है। यह राजस्थान का राज्य पक्षी है। गोडावण राजस्थान तथा सीमावर्ती पाकिस्तान के क्षेत्रों में पाया जाता है। यह एक दुर्लभतम पक्षी है। राजस्थान सरकार के वन विभाग ने गोडावण की रक्षार्थ 'गोडावण संरक्षण प्रोजेक्ट' की शुरूआत भी की है, जिससे इस पक्षी को लुप्त होने से बचाया जा सके और इसकी संख्या भी बढ़ सके।

  • राजस्थान का राज्य पक्षी गोडावण उड़ने वाले पक्षियों में सबसे अधिक वजनी है। अपने बड़े आकार के कारण यह शुतुरमुर्ग जैसा प्रतीत होता है।
  • भारत में गोडावण जैसलमेर के मरू उद्यान व अजमेर के शोकलिया क्षेत्र में पाया जाता है।
  • यह पक्षी अत्यंत ही शर्मिला होता है और सघन घास में रहना इसका स्वभाव है। यह 'सोहन चिडिया' तथा 'शर्मिला पक्षी' के उपनामों से भी प्रसिद्ध है।
  • गोडावण एक सर्वाहारी पक्षी है। इसकी खाद्य आदतों में गेहूँ, ज्वार, बाजरा आदि अनाजों का भक्षण करना शामिल है, किंतु इसका प्रमुख खाद्य टिड्डे आदि कीट है। यह साँप, छिपकली, बिच्छू आदि भी खाता है। इसके साथ ही यह पक्षी बेर के फल भी पसंद करता है।
  • गोडावण भारी होने के कारण उड़ नहीं सकता, लेकिन लंबी और मजबूत टांगों के सहारे बहुत तेज़ीसे दौड़ सकता है।
  • इस विशाल पक्षी को बचाने के लिए राजस्थान सरकार ने हाल ही में एक प्रोजेक्ट तैयार किया है। प्रोजेक्ट का विज्ञापन "मेरी उड़ान न रोकें" जैसे मार्मिक वाक्यांश से किया गया है। गोडावण को बचाने का यह प्रोजेक्ट है- 'ग्रेट इंडियन बस्टर्ड'। गोडावण की रक्षा और संरक्षण के लिए इस प्रोजेक्ट के रूप में कार्य आरंभ करने वाला राजस्थान पहला राज्य बन चुका है।
  • गोडावण का अस्तित्व वर्तमान में खतरे में है तथा इनकी बहुत कम संख्या ही बची हुई है, अर्थात् यह प्रजाति विलुप्ति की कगार पर है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. गोडावण- राजस्थान की शान (हिन्दी) पिंकसिटी.कॉम। अभिगमन तिथि: 21 जून, 2014।

संबंधित लेख

  1. REDIRECT साँचा:जीव जन्तु