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| *बंधुल एक बर्मी सेनापति था। प्रथम आंग्ल-बर्मी युद्ध (1824-26 ई.) छिड़ने पर उसने [[अखण्डित बंगाल|बंगाल]] में बर्मी सेना का नेतृत्व किया था।
| | #REDIRECT [[बन्धुल]] |
| *उसे सफलता मिलने का इतना भरोसा था कि गवर्नर-जनरल लार्ड एम्हस्टै के लिए वह सोने की बेड़ियाँ अपने साथ लाया था।
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| *बंधुल ने चटगाँव सीमा के निकट एक ब्रिटिश रेजीमेण्ट को हरा दिया। लेकिन अंग्रेज़ों ने इस बीच [[रंगून]] पर नौसेनिक अभियान करके [[मई]], 1824 ई. में क़ब्ज़ा कर लिया।
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| *ब्रिटिश आक्रमणकारियों का सामना करने के लिए तब बंधुल को [[बर्मा]] वापस बुला लिया गया, जहाँ सेनापति के रूप में उसने बड़े रणकौशल का परिचय दिया, लेकिन रंगून के क़ब्ज़े के लिए [[दिसम्बर]], 1824 ई. में किये गये हमले में वह पराजित हो गया।
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| *वहाँ से पीछे हटकर डोनाबियू में लकड़कोट के सहारे वह [[2 अप्रैल]], 1825 ई. तक बहादुरी के साथ शत्रुओं का मुक़ाबला करता रहा।
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| *किन्तु अचानक एक राकेट आ लगने के कारण उसकी मृत्यु हो गई। इस प्रकार [[बर्मा युद्ध|प्रथम आंग्ल-बर्मा युद्ध]] में बर्मा पराजित हो गया।
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| ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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| [[Category:इतिहास कोश]]
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