अंग अंग चंदन वन -कन्हैयालाल नंदन: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
('{| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |चित्र=Kanhailal Nandan.j...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
कात्या सिंह (talk | contribs) No edit summary |
||
(2 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 31: | Line 31: | ||
{{Poemopen}} | {{Poemopen}} | ||
<poem> | <poem> | ||
एक नाम अधरों पर आया | एक नाम अधरों पर आया, | ||
अंग-अंग चन्दन | अंग-अंग चन्दन वन हो गया। | ||
वन हो गया। | |||
बोल हैं कि वेद की ऋचाएँ? | बोल हैं कि वेद की ऋचाएँ? | ||
साँसों में सूरज उग आए | साँसों में सूरज उग आए, | ||
आँखों में ऋतुपति के छन्द | आँखों में ऋतुपति के छन्द | ||
तैरने लगे | तैरने लगे मन सारा नील गगन हो गया। | ||
मन सारा | |||
नील गगन हो गया। | |||
गन्ध गुंथी बाहों का घेरा | गन्ध गुंथी बाहों का घेरा, | ||
जैसे मधुमास का सवेरा | जैसे मधुमास का सवेरा, | ||
फूलों की भाषा में | फूलों की भाषा में देह बोलने लगी, | ||
देह बोलने लगी | पूजा का एक जतन हो गया। | ||
पूजा का | |||
एक जतन हो गया। | |||
पानी पर खींचकर लकींरें | पानी पर खींचकर लकींरें | ||
काट नहीं सकते जंज़ीरें। | काट नहीं सकते जंज़ीरें। | ||
आसपास | आसपास अजनबी अंधेरों के डेरे हैं | ||
अजनबी अंधेरों के डेरे हैं | अग्निबिन्दु और सघन हो गया! | ||
अग्निबिन्दु | |||
और सघन हो गया! | |||
</poem> | </poem> | ||
{{Poemclose}} | {{Poemclose}} | ||
Line 60: | Line 53: | ||
<br /> | |||
< | |||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{समकालीन कवि}} | {{समकालीन कवि}} | ||
[[Category:समकालीन साहित्य]][[Category:पद्य साहित्य]][[Category:कविता]][[Category:हिन्दी कविता]][[Category:काव्य कोश]] | [[Category:समकालीन साहित्य]][[Category:पद्य साहित्य]][[Category:कविता]][[Category:हिन्दी कविता]][[Category:काव्य कोश]] | ||
[[Category:कन्हैयालाल नंदन]][[Category: | [[Category:कन्हैयालाल नंदन]][[Category:साहित्य कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ | ||
__NOEDITSECTION__ | __NOEDITSECTION__ |
Latest revision as of 04:34, 14 December 2011
| ||||||||||||||||||||||
|
एक नाम अधरों पर आया, |
संबंधित लेख