नदी की कहानी -कन्हैयालाल नंदन: Difference between revisions

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बड़ा जानलेवा है ये दरमियाना
बड़ा जानलेवा है ये दरमियाना


मुहबत का अंजाम हरदम यही था
मुहब्बत का अंजाम हरदम यही था
भवर देखना कूदना डूब जाना।
भंवर देखना, कूदना, डूब जाना।


अभी मुझ से फिर आप से फिर किसी
अभी मुझ से फिर आप से फिर किसी
मियाँ ये मुहबत है या कारखाना।
मियाँ ये मुहब्बत है या कारख़ाना।


ये तन्हाईयाँ, याद भी, चान्दनी भी,
ये तन्हाईयाँ, याद भी, चान्दनी भी,
गज़ब का वज़न है सम्भलके उठाना।
गज़ब का वज़न है सम्भल के उठाना।




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==संबंधित लेख==
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Latest revision as of 11:02, 8 November 2011

नदी की कहानी -कन्हैयालाल नंदन
कवि कन्हैयालाल नंदन
जन्म 1 जुलाई, 1933
जन्म स्थान फतेहपुर ज़िले के परसदेपुर गांव, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 25 सितंबर, 2010
मृत्यु स्थान दिल्ली
मुख्य रचनाएँ लुकुआ का शाहनामा, घाट-घाट का पानी, आग के रंग आदि।
बाहरी कड़ियाँ आधिकारिक वेबसाइट
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
कन्हैयालाल नंदन की रचनाएँ

नदी की कहानी कभी फिर सुनाना,
मैं प्यासा हूँ दो घूँट पानी पिलाना।

मुझे वो मिलेगा ये मुझ को यकीं है
बड़ा जानलेवा है ये दरमियाना

मुहब्बत का अंजाम हरदम यही था
भंवर देखना, कूदना, डूब जाना।

अभी मुझ से फिर आप से फिर किसी
मियाँ ये मुहब्बत है या कारख़ाना।

ये तन्हाईयाँ, याद भी, चान्दनी भी,
गज़ब का वज़न है सम्भल के उठाना।






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