चुनाव -कन्हैयालाल नंदन: Difference between revisions

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जब लगा दिया गया हो पलीता
जब लगा दिया गया हो पलीता
तो शिखर पर तनहा चढ़ते हुए इंसान को
तो शिखर पर तनहा चढ़ते हुए इंसान को
कोई फर्क नहीं पड़ता
कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता
कि वह हारा या जीता।
कि वह हारा या जीता।


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Latest revision as of 11:03, 8 November 2011

चुनाव -कन्हैयालाल नंदन
कवि कन्हैयालाल नंदन
जन्म 1 जुलाई, 1933
जन्म स्थान फतेहपुर ज़िले के परसदेपुर गांव, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 25 सितंबर, 2010
मृत्यु स्थान दिल्ली
मुख्य रचनाएँ लुकुआ का शाहनामा, घाट-घाट का पानी, आग के रंग आदि।
बाहरी कड़ियाँ आधिकारिक वेबसाइट
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
कन्हैयालाल नंदन की रचनाएँ

पहाड़ी के चारों तरफ
जतन से बिछाई हुई सुरंगों पर
जब लगा दिया गया हो पलीता
तो शिखर पर तनहा चढ़ते हुए इंसान को
कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता
कि वह हारा या जीता।

उसे पता है कि
वह भागेगा तब भी
टुकड़े-टुकड़े हो जायेगा
और अविचल होने पर भी
तिनके की तरह बिखर जायेगा
उसे करना होता है
सिर्फ चुनाव
कि वह अविचल खड़ा होकर बिखर जाये
या शिखर पर चढ़ते-चढ़ते बिखरे-
टुकड़े-टुकड़े हो जाये।








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