कुल्लूक भट्ट: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) ('{{पुनरीक्षण}} *कुल्लूक भट्ट (1150-1300 ई.)। मनुस्मृति के सुव...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
गोविन्द राम (talk | contribs) m (Adding category Category:हिन्दी विश्वकोश (को हटा दिया गया हैं।)) |
||
(2 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
'''कुल्लूक भट्ट''' (1150-1300 ई.)। [[मनुस्मृति]] के सुविख्यात टीकाकार। इनका जन्म [[बंगाल]] के नंदन ग्राम में एक वारेंद्र [[ब्राह्मण]] के घर हुआ था। उनके पिता का नाम दिवाकर भट्ट था। | |||
*[[मनुस्मृति]] पर इन्होंने जो टीका की है उसका नाम मन्वर्थ मुक्तावली है। मनुस्मृति उन्होंने संक्षेप में किंतु अत्यंत सुबोध भाषा में संदर्भ सहित स्मृति की व्याख्या की है। इसमें उन्होंने अपने किसी वैयक्तिक मत का प्रतिपादन नहीं किया है वरन् मेधातिथि और गोविंदराज के मत के द्वारा ही विवेचना की है। | |||
*मनुस्मृति पर इन्होंने जो टीका की है उसका नाम मन्वर्थ मुक्तावली है। मनुस्मृति उन्होंने संक्षेप में किंतु अत्यंत सुबोध भाषा में संदर्भ सहित स्मृति की व्याख्या की है। इसमें उन्होंने अपने किसी वैयक्तिक मत का प्रतिपादन नहीं किया है वरन् मेधातिथि और गोविंदराज के मत के द्वारा ही विवेचना की है। | |||
*इस टीका के अतिरिक्त स्मृतिसागर, श्राद्धसागर, विवादसागर और अशौचसागर, उनके अन्य ग्रंथ हैं। | *इस टीका के अतिरिक्त स्मृतिसागर, श्राद्धसागर, विवादसागर और अशौचसागर, उनके अन्य ग्रंथ हैं। | ||
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}} | |||
{{लेख प्रगति|आधार= | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
Line 15: | Line 11: | ||
{{संस्कृत साहित्यकार}} | {{संस्कृत साहित्यकार}} | ||
[[Category:संस्कृत साहित्यकार]] [[Category:साहित्य कोश]] [[Category:साहित्यकार]] | [[Category:संस्कृत साहित्यकार]] [[Category:साहित्य कोश]] [[Category:साहित्यकार]] | ||
[[Category:हिन्दी विश्वकोश]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 10:51, 23 November 2013
कुल्लूक भट्ट (1150-1300 ई.)। मनुस्मृति के सुविख्यात टीकाकार। इनका जन्म बंगाल के नंदन ग्राम में एक वारेंद्र ब्राह्मण के घर हुआ था। उनके पिता का नाम दिवाकर भट्ट था।
- मनुस्मृति पर इन्होंने जो टीका की है उसका नाम मन्वर्थ मुक्तावली है। मनुस्मृति उन्होंने संक्षेप में किंतु अत्यंत सुबोध भाषा में संदर्भ सहित स्मृति की व्याख्या की है। इसमें उन्होंने अपने किसी वैयक्तिक मत का प्रतिपादन नहीं किया है वरन् मेधातिथि और गोविंदराज के मत के द्वारा ही विवेचना की है।
- इस टीका के अतिरिक्त स्मृतिसागर, श्राद्धसागर, विवादसागर और अशौचसागर, उनके अन्य ग्रंथ हैं।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ