गुनह करेंगे -अशोक चक्रधर: Difference between revisions

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हम तो करेंगे
हम तो करेंगे।


गुनह करेंगे
गुनह करेंगे
पुनह करेंगे।
पुनह करेंगे।
वजह नहीं
वजह नहीं,
बेवजह करेंगे।
बेवजह करेंगे।


कल से ही लो
कल से ही लो,
कलह करेंगे।
कलह करेंगे।
जज़्बातों को
जज़्बातों को,
जिबह करेंगे
जिबह करेंगे।
निर्लज्जों से
निर्लज्जों से,
निबह करेंगे
निबह करेंगे।
सुलगाने को
सुलगाने को,
सुलह करेंगे।
सुलह करेंगे।
हम ज़ालिम क्यों
हम ज़ालिम, क्यों
जिरह करेंगे
जिरह करेंगे?


संबंधों में
संबंधों में
गिरह करेंगे
गिरह करेंगे।
रस विशेष में
रस विशेष में,
विरह करेंगे
विरह करेंगे।
जो हो, अपनी
जो हो, अपनी,
तरह करेंगे
तरह करेंगे।
रात में चूके
रात में चूके,
सुबह करेंगे
सुबह करेंगे।


गुनह करेंगे
गुनह करेंगे,
पुनह करेंगे
पुनह करेंगे।
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Latest revision as of 09:23, 24 December 2011

गुनह करेंगे -अशोक चक्रधर
कवि अशोक चक्रधर
जन्म 8 फ़रवरी, 1951
जन्म स्थान खुर्जा, उत्तर प्रदेश
मुख्य रचनाएँ बूढ़े बच्चे, भोले भाले, तमाशा, बोल-गप्पे, मंच मचान, कुछ कर न चम्पू , अपाहिज कौन , मुक्तिबोध की काव्यप्रक्रिया
बाहरी कड़ियाँ आधिकारिक वेबसाइट
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
अशोक चक्रधर की रचनाएँ


हम तो करेंगे।

गुनह करेंगे
पुनह करेंगे।
वजह नहीं,
बेवजह करेंगे।

कल से ही लो,
कलह करेंगे।
जज़्बातों को,
जिबह करेंगे।
निर्लज्जों से,
निबह करेंगे।
सुलगाने को,
सुलह करेंगे।
हम ज़ालिम, क्यों
जिरह करेंगे?

संबंधों में
गिरह करेंगे।
रस विशेष में,
विरह करेंगे।
जो हो, अपनी,
तरह करेंगे।
रात में चूके,
सुबह करेंगे।

गुनह करेंगे,
पुनह करेंगे।