शाकम्भरी देवी की आरती: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
 
Line 35: Line 35:
{{आरती स्तुति स्तोत्र}}
{{आरती स्तुति स्तोत्र}}
[[Category:आरती स्तुति स्तोत्र]]
[[Category:आरती स्तुति स्तोत्र]]
[[Category:हिन्दू धर्म]] [[Category:हिन्दू धर्म कोश]]  
[[Category:हिन्दू धर्म]] [[Category:हिन्दू धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]]  
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 12:17, 21 March 2014

[[चित्र:Shakambhari Mata.jpg|thumb|250px|शाकम्भरी देवी]]

हरी श्री शाकम्भरी अम्बा जी की आरती कीजो ।

ऐसा अदभुत रुप हृदय धर लीजो,
शताक्षी दयालु की आरती कीजो ।।

तुम परिपूर्ण आदि भावानी माँ,
सब घट तुम आप बखानी माँ ।।

शाकम्भर अम्बाजी की आरती कीजो
तुम्ही हो शाकम्भर, तुम ही हो शताक्षी माँ
शिवमूर्ति माया प्रकाशी माँ, श्री शाकम्भर
नित जो नर नारी अम्बे आरती गावे माँ
इच्छा पूरण कीजो, शाकम्भर दर्शन पावे माँ,
श्री शाकम्भर ...

जो नर आरती पढे पढावे माँ
जो नर आरती सुने सुनावे माँ
बसे बैकुण्ड शाकम्भर दर्शन पावे, श्री शाकम्भर....

  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख