वोट -शिवदीन राम जोशी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
Line 1: Line 1:
{{Poemopen}}
{{Poemopen}}
<poem>
<poem>
वोट-वोट में खोट है खोट-खोट में वोट
वोट-वोट में खोट है खोट-खोट में वोट
दो नम्बर का काम है छप रहे अगनित नोट।
दो नम्बर का काम है छप रहे अगनित नोट।
छप रहे अगनित नोट सोट हाथों में लेकर,
छप रहे अगनित नोट सोट हाथों में लेकर,
Line 7: Line 7:
राजनीति की चाल है चाल-चाल में चाल,
राजनीति की चाल है चाल-चाल में चाल,
शिवदीन देख क्या हो रहा भारत का बेहाल।
शिवदीन देख क्या हो रहा भारत का बेहाल।
                    राम गुन गायरे।।
                                  राम गुन गायरे।।
----
----
कहीं वोट घबराय दें कहीं-कहीं नंगा नांच,
कहीं वोट घबराय दें कहीं-कहीं नंगा नांच,
Line 15: Line 15:
बाप अलग बेटा अलग अलग भ्रात की रीत,
बाप अलग बेटा अलग अलग भ्रात की रीत,
शिवदीन अचंभा देख रे कौन किसी का मीत।
शिवदीन अचंभा देख रे कौन किसी का मीत।
                  राम गुन गायरे।।  
                                  राम गुन गायरे।।  
   
   
</poem>
</poem>

Latest revision as of 14:51, 30 March 2012

वोट-वोट में खोट है खोट-खोट में वोट
दो नम्बर का काम है छप रहे अगनित नोट।
छप रहे अगनित नोट सोट हाथों में लेकर,
आते है कई लोग वोट बातों में देकर।
राजनीति की चाल है चाल-चाल में चाल,
शिवदीन देख क्या हो रहा भारत का बेहाल।
                                   राम गुन गायरे।।


कहीं वोट घबराय दें कहीं-कहीं नंगा नांच,
कहीं वार्ड से एक दो कहीं खडे हैं पांच।
कहीं खडे हैं पांच सांच शरमागई भाई,
कहीं डालते वोट झगड कर लोग लुगाई।
बाप अलग बेटा अलग अलग भ्रात की रीत,
शिवदीन अचंभा देख रे कौन किसी का मीत।
                                   राम गुन गायरे।।
 


संबंधित लेख