आंध्र वंश: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "{{लेख प्रगति |आधार=आधार1 |प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}" to "{{लेख प्रगति |आधार= |प्रारम्भि�)
m (Text replacement - "अर्थात " to "अर्थात् ")
 
Line 1: Line 1:
{{main|सातवाहन वंश}}
{{main|सातवाहन वंश}}
*आंध्र राजवंश [[भारत]] का एक राजवंश था। जिसने केन्द्रीय दक्षिण भारत पर शासन किया।  
*आंध्र राजवंश [[भारत]] का एक राजवंश था। जिसने केन्द्रीय दक्षिण भारत पर शासन किया।  
*भारतीय परिवार, जो [[पुराण|पुराणों]]  (प्राचीन धार्मिक तथा किंवदंतियों का साहित्य) पर आधारित कुछ व्याख्याओं के अनुसार, 'आंध्र जाति' (जनजाति) का था और दक्षिणापथ अर्थात दक्षिणी क्षेत्र में साम्राज्य की स्थापना करने वाला यह पहला दक्कनी वंश था।  
*भारतीय परिवार, जो [[पुराण|पुराणों]]  (प्राचीन धार्मिक तथा किंवदंतियों का साहित्य) पर आधारित कुछ व्याख्याओं के अनुसार, 'आंध्र जाति' (जनजाति) का था और दक्षिणापथ अर्थात् दक्षिणी क्षेत्र में साम्राज्य की स्थापना करने वाला यह पहला दक्कनी वंश था।  
*इस वंश का आरंभ सिभुक अथवा सिंधुक नामक व्यक्ति ने दक्षिण में कृष्णा और गोदावरी नदियों की घाटी में किया था। इसे 'सातवाहन वंश' भी कहते हैं।  
*इस वंश का आरंभ सिभुक अथवा सिंधुक नामक व्यक्ति ने दक्षिण में कृष्णा और गोदावरी नदियों की घाटी में किया था। इसे 'सातवाहन वंश' भी कहते हैं।  



Latest revision as of 07:59, 7 November 2017

  1. REDIRECTसाँचा:मुख्य
  • आंध्र राजवंश भारत का एक राजवंश था। जिसने केन्द्रीय दक्षिण भारत पर शासन किया।
  • भारतीय परिवार, जो पुराणों (प्राचीन धार्मिक तथा किंवदंतियों का साहित्य) पर आधारित कुछ व्याख्याओं के अनुसार, 'आंध्र जाति' (जनजाति) का था और दक्षिणापथ अर्थात् दक्षिणी क्षेत्र में साम्राज्य की स्थापना करने वाला यह पहला दक्कनी वंश था।
  • इस वंश का आरंभ सिभुक अथवा सिंधुक नामक व्यक्ति ने दक्षिण में कृष्णा और गोदावरी नदियों की घाटी में किया था। इसे 'सातवाहन वंश' भी कहते हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ