नवनीत (पत्रिका): Difference between revisions
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[[शनिवार]], [[7 जनवरी]] 2012 को भारतीय विद्या भवन, चौपाटी स्थित कानजी खेतसी सभागार में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस चंद्रशेखर धर्माधिकारी ने कहा कि नवनीत केवल एक पत्रिका नहीं, बल्कि भारतीय विद्या भवन का सांस्कृतिक आंदोलन है। होमी दस्तूर ने भवन के संस्थापक कुलपति के . एम. मुंशी के व्यक्तित्व - कृत्रित्व पर प्रकाश डाला। नवनीत के संपादक विश्वनाथ सचदेव ने पत्रिका के 60 साल के सफर का संक्षिप्त वर्णन किया। कार्यक्रम में [[रवींद्रनाथ ठाकुर]] की कहानी पर आधारित प्रसिद्ध गीतकार गुलज़ार द्वारा लिखित नाटक 'सुनते हो ' का मंचन भी किया गया।<ref>{{cite web |url=http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/11426832.cms |title=60 साल की युवा 'नवनीत' |accessmonthday=2 सितम्बर |accessyear=2012 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=नवभारत टाइम्स |language=हिन्दी}}</ref> | [[शनिवार]], [[7 जनवरी]] 2012 को भारतीय विद्या भवन, चौपाटी स्थित कानजी खेतसी सभागार में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस चंद्रशेखर धर्माधिकारी ने कहा कि नवनीत केवल एक पत्रिका नहीं, बल्कि भारतीय विद्या भवन का सांस्कृतिक आंदोलन है। होमी दस्तूर ने भवन के संस्थापक कुलपति के . एम. मुंशी के व्यक्तित्व - कृत्रित्व पर प्रकाश डाला। नवनीत के संपादक विश्वनाथ सचदेव ने पत्रिका के 60 साल के सफर का संक्षिप्त वर्णन किया। कार्यक्रम में [[रवींद्रनाथ ठाकुर]] की कहानी पर आधारित प्रसिद्ध गीतकार गुलज़ार द्वारा लिखित नाटक 'सुनते हो ' का मंचन भी किया गया।<ref>{{cite web |url=http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/11426832.cms |title=60 साल की युवा 'नवनीत' |accessmonthday=2 सितम्बर |accessyear=2012 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=नवभारत टाइम्स |language=हिन्दी}}</ref> | ||
<blockquote>आदमियों में भले ही 60 साल की उम्र वृद्धावस्था कही जाती हो, पर कृतियों की उम्र हज़ारों सालों में गिनी जाती है। इस लिहाज़ से 60 साल की ' नवनीत ' तो युवा है।' - गुलज़ार</blockquote> | <blockquote>आदमियों में भले ही 60 साल की उम्र वृद्धावस्था कही जाती हो, पर कृतियों की उम्र हज़ारों सालों में गिनी जाती है। इस लिहाज़ से 60 साल की ' नवनीत ' तो युवा है।' - [[गुलज़ार]]</blockquote> | ||
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क.मा. मुनशी मार्ग, चौपाटी, मुंबई- 400 007 | क.मा. मुनशी मार्ग, चौपाटी, मुंबई- 400 007 | ||
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Latest revision as of 08:49, 24 September 2012
thumb|आवरण पृष्ठ नवनीत हिन्दी डाइजेस्ट हिन्दी की एक मासिक पत्रिका है। नवनीत पत्रिका के संस्थापक कनैयालाल मुनशी और श्रीगोपाल नेवटिया हैं। इसके सम्पादक वरिष्ठ लेखक-पत्रकार विश्वनाथ सचदेव हैं।
60 साल की युवा 'नवनीत'
शनिवार, 7 जनवरी 2012 को भारतीय विद्या भवन, चौपाटी स्थित कानजी खेतसी सभागार में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस चंद्रशेखर धर्माधिकारी ने कहा कि नवनीत केवल एक पत्रिका नहीं, बल्कि भारतीय विद्या भवन का सांस्कृतिक आंदोलन है। होमी दस्तूर ने भवन के संस्थापक कुलपति के . एम. मुंशी के व्यक्तित्व - कृत्रित्व पर प्रकाश डाला। नवनीत के संपादक विश्वनाथ सचदेव ने पत्रिका के 60 साल के सफर का संक्षिप्त वर्णन किया। कार्यक्रम में रवींद्रनाथ ठाकुर की कहानी पर आधारित प्रसिद्ध गीतकार गुलज़ार द्वारा लिखित नाटक 'सुनते हो ' का मंचन भी किया गया।[1]
आदमियों में भले ही 60 साल की उम्र वृद्धावस्था कही जाती हो, पर कृतियों की उम्र हज़ारों सालों में गिनी जाती है। इस लिहाज़ से 60 साल की ' नवनीत ' तो युवा है।' - गुलज़ार
संपादकीय कार्यालय
भारतीय विद्या भवन
क.मा. मुनशी मार्ग, चौपाटी, मुंबई- 400 007
ई-मेल:- [email protected]
[email protected]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 60 साल की युवा 'नवनीत' (हिन्दी) नवभारत टाइम्स। अभिगमन तिथि: 2 सितम्बर, 2012।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
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