धूप: Difference between revisions
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*भूमंडल के भिन्न-भिन्न भागों में धूप की प्रकृति और धूप के दैनिक तथा वार्षिक परिवर्तन चक्र को ठीक से समझने के लिए सूर्य और पृथ्वी की सापेक्ष गति का यथार्थ ज्ञान आवश्यक है। | *भूमंडल के भिन्न-भिन्न भागों में धूप की प्रकृति और धूप के दैनिक तथा वार्षिक परिवर्तन चक्र को ठीक से समझने के लिए सूर्य और पृथ्वी की सापेक्ष गति का यथार्थ ज्ञान आवश्यक है। | ||
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Latest revision as of 07:41, 7 November 2017
धूप सूर्य से आने वाले प्रकाश और गर्मी को कहा जाता है। समस्त पृथ्वी पर धूप का एकमात्र स्रोत सूर्य ही है। धूप केवल मानव के लिए ही नहीं अपितु यह पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं और समस्त मानव जाति के लिए अत्यंत आवश्यक है। धूप के अंतर्गत विकिरण के दृश्य अंश ही नहीं आते, वरन् अदृश्य नीललोहित और अवरक्त किरणें भी आती हैं। इसमें सूर्य की परावर्तित और प्रकीर्णित किरणें सम्मिलित नहीं हैं।
प्रकृति और धूप
- भूमंडल के भिन्न-भिन्न भागों में धूप की प्रकृति और धूप के दैनिक तथा वार्षिक परिवर्तन चक्र को ठीक से समझने के लिए सूर्य और पृथ्वी की सापेक्ष गति का यथार्थ ज्ञान आवश्यक है।
- धूप ऊर्जा और प्रकाश का मूलभूत स्रोत होने के कारण पृथ्वी और उसके सहवासियों तथा वनस्पतियों और जीवधारियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसीलिए प्राचीन काल से ही सूर्य की ओर श्रद्धा के साथ लोगों का ध्यान आकर्षित हुआ।
भूमिका
भूमण्डलीय पृष्ठ और उसके वायुमंडल को गरम करने में धूप की विशेष भूमिका है, किंतु 'आतपन' अर्थात् किसी स्थान के भूपृष्ठ को गरम करने में धूप का अंशदान दिवालोक की अवधि के अतिरिक्त अनेक अन्य बातों पर भी निर्भर करता है, जैसे-
- सूर्य से पृथ्वी की दूरी।
- क्षितिज के समतल पर सूर्यकिरणों की नति।
- वायुमंडल में पारेषण, अवशोषण एवं विकिरण।
- किसी समय, एक स्थान पर धूप की कुल अवधि बदली, कोहरा आदि आकाश को धुँधला करने वाले अनेक घटकों पर निर्भर करती है। 'धूप अभिलेखक' नामक उपकरण से वेधशालाओं में धूप के वास्तविक घंटों का निर्धारण किया जाता है। इस उपकरण में एक चौखटे पर कांच का एक गोला स्थापित रहता है, जिसे इस प्रकार समायोजित किया जा सकता है कि गोले का एक व्यास ध्रुव की ओर संकेत करे। गोले के नीचे उपयुक्त स्थान पर समांतर रखे घंटों में अंशाकिंत पत्रक पर सौर किरणों को फोकस किया जाता है। सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच जब भी बदली, कोहरा आदि नहीं होते, तब फोकस पड़ी हुई किरणें पत्रक को समुचित स्थान पर जला देती हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख