अमलसुंथा: Difference between revisions

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'''अमलसुंथा''' आस्त्रोगाथों की रानी जो उनके राजा थियोदोरिक की बेटी थी और मूथारिक से व्याही थी। उनके विवाह के कुछ ही काल बाद उसके पति का देहांत हो गया। पति के मरने पर अमलसुंथा ने अपने पुत्र की अभिभाविका के रूप में रावेना में राज करना शुरू किया। 534 ई. में उसका पुत्र मर गया और वह आस्त्रोगाथों की रानी बनी। अनेक उच्चपदीय और संभ्रांत आस्त्रोगाथों को उसे उनके षड्यंत्र के लिए दंडित करना पड़ा था। अंत में उसके चाचा ने उनसे मिलकर उसे बोलसेना झील के एक द्वीप में कैद कर दिया जहाँ उसकी 535 ई. में हत्या कर दी गई।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1|लेखक= |अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक= नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=204 |url=}}</ref>  
'''अमलसुंथा''' आस्त्रोगाथों की रानी थी, जो वहाँ के राजा थियोदोरिक की बेटी थी। इसका [[विवाह]] मूथारिक से हुआ था।<br />
 
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*विवाह के कुछ ही काल बाद अमलसुंथा के पति का देहांत हो गया।
 
*पति के मरने पर अमलसुंथा ने अपने पुत्र की अभिभाविका के रूप में रावेना में राज करना शुरू किया।
*534 ई. में उसका पुत्र मर गया और वह आस्त्रोगाथों की रानी बनी।
*अनेक उच्चपदीय और संभ्रांत आस्त्रोगाथों को उसे उनके षड्यंत्र के लिए दंडित करना पड़ा था।
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Latest revision as of 12:14, 20 August 2020

अमलसुंथा आस्त्रोगाथों की रानी थी, जो वहाँ के राजा थियोदोरिक की बेटी थी। इसका विवाह मूथारिक से हुआ था।

  • विवाह के कुछ ही काल बाद अमलसुंथा के पति का देहांत हो गया।
  • पति के मरने पर अमलसुंथा ने अपने पुत्र की अभिभाविका के रूप में रावेना में राज करना शुरू किया।
  • 534 ई. में उसका पुत्र मर गया और वह आस्त्रोगाथों की रानी बनी।
  • अनेक उच्चपदीय और संभ्रांत आस्त्रोगाथों को उसे उनके षड्यंत्र के लिए दंडित करना पड़ा था।
  • अंत में अमलसुंथा के चाचा ने उनसे मिलकर उसे बोलसेना झील के एक द्वीप में कैद कर दिया, जहाँ उसकी 535 ई. में हत्या कर दी गई।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 204 |

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