विजय सेन: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('*सामंतसेन का पुत्र एवं उत्तराधिकारी विजयसेन सेन वंश...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
(4 intermediate revisions by 2 users not shown)
Line 2: Line 2:
*उसने [[बंगाल]] को पुनः पूर्ण राजनीतिक एकता प्रदान की।  
*उसने [[बंगाल]] को पुनः पूर्ण राजनीतिक एकता प्रदान की।  
*[[कलिंग]], कामरूप एवं [[मगध]] को जीत कर विजयसेन ने अपने राज्य की सीमाओं का विस्तार किया।  
*[[कलिंग]], कामरूप एवं [[मगध]] को जीत कर विजयसेन ने अपने राज्य की सीमाओं का विस्तार किया।  
*उसका सबसे महत्वपूर्ण अभिलेख 'देवपाड़ा अभिलेख' है जिसमे उसके सीमा विस्तार तथा विजयों का उल्लेख मिलता है।
*उसका सबसे महत्त्वपूर्ण अभिलेख 'देवपाड़ा अभिलेख' है जिसमे उसके सीमा विस्तार तथा विजयों का उल्लेख मिलता है।
* विजय सेन की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि गौड़राज (पाल शासक) मदनपाल को परास्त करना था। उसने मदनपाल को बंगाल से खदेड़ कर उत्तरी बंगाल में अपनी सत्ता स्थापित कर ली।  
* विजय सेन की सबसे महत्त्वपूर्ण उपलब्धि गौड़राज (पाल शासक) मदनपाल को परास्त करना था। उसने मदनपाल को बंगाल से खदेड़ कर उत्तरी बंगाल में अपनी सत्ता स्थापित कर ली।  
*विजय सेन ने विजयपुरी एवं विक्रमपुरी नामक दो राजधानियां स्थापित की।  
*विजय सेन ने विजयपुरी एवं विक्रमपुरी नामक दो राजधानियां स्थापित की।  
*उसने परमेश्वर, परमभट्टारक तथा महाराजधिराज की उपाधि धारण की।  
*उसने परमेश्वर, परमभट्टारक तथा महाराजधिराज की उपाधि धारण की।  
Line 10: Line 10:
*विजयसेन की उपलब्धियों से प्रभावित होकर श्री हर्ष ने उसकी प्रशंसा में विजयप्रशस्ति तथा गौड़ोविर्श प्रशस्ति काव्यों की रचना की।  
*विजयसेन की उपलब्धियों से प्रभावित होकर श्री हर्ष ने उसकी प्रशंसा में विजयप्रशस्ति तथा गौड़ोविर्श प्रशस्ति काव्यों की रचना की।  


 
{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति
{{लेख प्रगति
|आधार=आधार1
|आधार=
|प्रारम्भिक=
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1
|माध्यमिक=
|माध्यमिक=
|पूर्णता=
|पूर्णता=
|शोध=
|शोध=
}}
}}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{भारत के राजवंश}}
{{सेन वंश}}
[[Category:भारत के राजवंश]]
[[Category:सेन वंश]]
[[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:इतिहास कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 07:41, 8 May 2011

  • सामंतसेन का पुत्र एवं उत्तराधिकारी विजयसेन सेन वंश का पराक्रमी शासक हुआ।
  • उसने बंगाल को पुनः पूर्ण राजनीतिक एकता प्रदान की।
  • कलिंग, कामरूप एवं मगध को जीत कर विजयसेन ने अपने राज्य की सीमाओं का विस्तार किया।
  • उसका सबसे महत्त्वपूर्ण अभिलेख 'देवपाड़ा अभिलेख' है जिसमे उसके सीमा विस्तार तथा विजयों का उल्लेख मिलता है।
  • विजय सेन की सबसे महत्त्वपूर्ण उपलब्धि गौड़राज (पाल शासक) मदनपाल को परास्त करना था। उसने मदनपाल को बंगाल से खदेड़ कर उत्तरी बंगाल में अपनी सत्ता स्थापित कर ली।
  • विजय सेन ने विजयपुरी एवं विक्रमपुरी नामक दो राजधानियां स्थापित की।
  • उसने परमेश्वर, परमभट्टारक तथा महाराजधिराज की उपाधि धारण की।
  • विजय सेन शैव धर्म का अनुयायी था जिसकी पुष्टि उसे 'अरिराज वृषशंकर' की उपाधि से स्पष्ट होता है।
  • उसकी रानी ने 'कनकतुलापुरुषमहादान' यज्ञ करवाया था।
  • विजयसेन की उपलब्धियों से प्रभावित होकर श्री हर्ष ने उसकी प्रशंसा में विजयप्रशस्ति तथा गौड़ोविर्श प्रशस्ति काव्यों की रचना की।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख