मद्रास: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति") |
||
Line 2: | Line 2: | ||
मद्रास का वर्तमान नाम [[चेन्नई]] है। सन 1639 ई. में [[ईस्ट इंडिया कंपनी]] के कर्मचारी फ़्रांसिस डे ने विजयनगर के राजा से कुछ भूमि लेकर इस नगर की स्थापना की थी। उस समय का बना हुआ क़िला अभी तक विद्यमान है। मद्रास के उपनगर मायलापुर में कपालीश्वर [[शिव]] का प्राचीन मंदिर है। मायलापुर का शाब्दिक अर्थ मयूरनगर है। पौराणिक जनश्रुति के अनुसार [[पार्वती]] ने [[मयूर]] का रूप धारण करके शिव जी की इस स्थान पर पूजा की थी। इसी कथा का अंकन इस मंदिर की मूर्तिकारी में है। मंदिर के पीछे एक पवित्र ताल है। ट्रिप्लीकेन में [[पार्थसारथी मंदिर चेन्नई|पार्थसारथी का मंदिर]] भी उल्लेखनीय है। मद्रास के स्थान पर प्राचीन समय में चैन्नापटम् नामक ग्राम बसा हुआ था। | मद्रास का वर्तमान नाम [[चेन्नई]] है। सन 1639 ई. में [[ईस्ट इंडिया कंपनी]] के कर्मचारी फ़्रांसिस डे ने विजयनगर के राजा से कुछ भूमि लेकर इस नगर की स्थापना की थी। उस समय का बना हुआ क़िला अभी तक विद्यमान है। मद्रास के उपनगर मायलापुर में कपालीश्वर [[शिव]] का प्राचीन मंदिर है। मायलापुर का शाब्दिक अर्थ मयूरनगर है। पौराणिक जनश्रुति के अनुसार [[पार्वती]] ने [[मयूर]] का रूप धारण करके शिव जी की इस स्थान पर पूजा की थी। इसी कथा का अंकन इस मंदिर की मूर्तिकारी में है। मंदिर के पीछे एक पवित्र ताल है। ट्रिप्लीकेन में [[पार्थसारथी मंदिर चेन्नई|पार्थसारथी का मंदिर]] भी उल्लेखनीय है। मद्रास के स्थान पर प्राचीन समय में चैन्नापटम् नामक ग्राम बसा हुआ था। | ||
{{प्रचार}} | |||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
|आधार= | |आधार= |
Revision as of 13:13, 10 January 2011
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
मद्रास का वर्तमान नाम चेन्नई है। सन 1639 ई. में ईस्ट इंडिया कंपनी के कर्मचारी फ़्रांसिस डे ने विजयनगर के राजा से कुछ भूमि लेकर इस नगर की स्थापना की थी। उस समय का बना हुआ क़िला अभी तक विद्यमान है। मद्रास के उपनगर मायलापुर में कपालीश्वर शिव का प्राचीन मंदिर है। मायलापुर का शाब्दिक अर्थ मयूरनगर है। पौराणिक जनश्रुति के अनुसार पार्वती ने मयूर का रूप धारण करके शिव जी की इस स्थान पर पूजा की थी। इसी कथा का अंकन इस मंदिर की मूर्तिकारी में है। मंदिर के पीछे एक पवित्र ताल है। ट्रिप्लीकेन में पार्थसारथी का मंदिर भी उल्लेखनीय है। मद्रास के स्थान पर प्राचीन समय में चैन्नापटम् नामक ग्राम बसा हुआ था।
|
|
|
|
|