लद्दाख: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Adding category Category:भारत के नगर (को हटा दिया गया हैं।))
No edit summary
Line 3: Line 3:
*पूर्व में लेह के आसापास के निवासी मुख्यतः तिब्बती पूर्वजों और भाषा (लद्दीखी) वाले [[बौद्ध]] हैं। लेकिन पश्चिम में कारगिल के आसपास जनसंख्या मुख्यतः मुस्लिम है और इस्लाम की शिया शाखा की है।
*पूर्व में लेह के आसापास के निवासी मुख्यतः तिब्बती पूर्वजों और भाषा (लद्दीखी) वाले [[बौद्ध]] हैं। लेकिन पश्चिम में कारगिल के आसपास जनसंख्या मुख्यतः मुस्लिम है और इस्लाम की शिया शाखा की है।
*लद्दाख में खेती सिंधु, श्योक और सुरु नदियों की घाटियों जैसी कुछ मुख्य घाटियों में ही सीमित है।  
*लद्दाख में खेती सिंधु, श्योक और सुरु नदियों की घाटियों जैसी कुछ मुख्य घाटियों में ही सीमित है।  
[[चित्र:Thiksey-Gompa-Ladakh.jpg|thumb|220px|left|[[थिक्सेय गोम्पा]], लद्दाख<br />Thiksey Gompa, Ladakh]]
*यहाँ पर छोटे - छोटे सिंचित भूखंडों में जौ, कुटु, शलजम और सरसों की खेती की जाती है।  
*यहाँ पर छोटे - छोटे सिंचित भूखंडों में जौ, कुटु, शलजम और सरसों की खेती की जाती है।  
*1970 में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा परिचित कराए गए पौधों के कारण कई बाग़ और सब्ज़ियों के खेत पनप गए हैं।  
*1970 में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा परिचित कराए गए पौधों के कारण कई बाग़ और सब्ज़ियों के खेत पनप गए हैं।  

Revision as of 05:38, 1 February 2011

[[चित्र:Tso-Moriri-Lake-Ladakh.jpg|thumb|220px|त्सो मोरिरी झील, लद्दाख
Tso Moriri Lake, Ladakh]]

  • वृहद हिमालय पर्वत नृजातीय, सांस्कृतिक और भौतिक दृष्टि से एक विशाल विभाजक है, जो पूर्वोत्तर की ओर कम जनसंख्या वाले क्षेत्र लद्दाख (जिसे कभी - कभी 'छोटी तिब्बत' भी कहते हैं) को बाँटता है।
  • पूर्व में लेह के आसापास के निवासी मुख्यतः तिब्बती पूर्वजों और भाषा (लद्दीखी) वाले बौद्ध हैं। लेकिन पश्चिम में कारगिल के आसपास जनसंख्या मुख्यतः मुस्लिम है और इस्लाम की शिया शाखा की है।
  • लद्दाख में खेती सिंधु, श्योक और सुरु नदियों की घाटियों जैसी कुछ मुख्य घाटियों में ही सीमित है।
  • यहाँ पर छोटे - छोटे सिंचित भूखंडों में जौ, कुटु, शलजम और सरसों की खेती की जाती है।
  • 1970 में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा परिचित कराए गए पौधों के कारण कई बाग़ और सब्ज़ियों के खेत पनप गए हैं।
  • चरागाहों में याक का पालन प्रोत्साहित किया जा रहा है।
  • इस क्षेत्र में कश्मीरी बकरियों का पालन होता है, जिससे पश्मीना मिलता है और यह बढ़िया क़िस्म के शाल आदि वस्त्र बनाने के काम आता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख