File:Holi-Barsana-Mathura-10.jpg: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
{{चित्र सूचना
{{चित्र सूचना
|विवरण=लट्ठामार होली, [[बरसाना]]
|विवरण=[[होली]], [[राधा रानी मंदिर बरसाना|राधा रानी मंदिर]], [[बरसाना]] <br /> Holi, Radha Rani Temple, Barsana
|चित्रांकन=
|चित्रांकन=
|दिनांक=वर्ष - 2009
|दिनांक=वर्ष - 2010
|स्रोत=
|स्रोत=
|प्रयोग अनुमति=[[:bd:ब्रज डिस्कवरी:कॉपीराइट|© brajdiscovery.org]]
|प्रयोग अनुमति=[[:bd:ब्रज डिस्कवरी:कॉपीराइट|© brajdiscovery.org]]
|चित्रकार=
|चित्रकार=
|उपलब्ध=
|उपलब्ध=
|प्राप्ति स्थान=
|प्राप्ति स्थान=  
|समय-काल=
|समय-काल=  
|संग्रहालय क्रम संख्या=
|संग्रहालय क्रम संख्या=
|आभार=
|आभार=  
|आकार=
|आकार=
|अन्य विवरण=[[होली]] का आरम्भ फाल्गुन शुक्ल 9 बरसाना से होता है। यहाँ की लठामार होली जग प्रसिद्ध है।
|अन्य विवरण=बरसाने में होली का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। बरसाना में लट्ठमार होली की शुरुआत सोलहवीं शताब्दी में हुई थी। तब से बरसाना में यह परंपरा यूं ही निभाई जा रही है, जिसके अनुसार [[बसंत पंचमी]] के दिन मंदिर में होली का डांढ़ा गड़ जाने के बाद हर शाम गोस्वामी समाज के लोग [[धमार]] गायन करते हैं।
}}
}}
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 12:18, 8 March 2011


चित्र जानकारी
विवरण (Description) होली, राधा रानी मंदिर, बरसाना
Holi, Radha Rani Temple, Barsana
दिनांक (Date) वर्ष - 2010
प्रयोग अनुमति (Permission) © brajdiscovery.org
अन्य विवरण बरसाने में होली का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। बरसाना में लट्ठमार होली की शुरुआत सोलहवीं शताब्दी में हुई थी। तब से बरसाना में यह परंपरा यूं ही निभाई जा रही है, जिसके अनुसार बसंत पंचमी के दिन मंदिर में होली का डांढ़ा गड़ जाने के बाद हर शाम गोस्वामी समाज के लोग धमार गायन करते हैं।




File history

फ़ाइल पुराने समय में कैसी दिखती थी यह जानने के लिए वांछित दिनांक/समय पर क्लिक करें।

Date/Timeअंगुष्ठ नखाकार (थंबनेल)DimensionsUserComment
current12:23, 28 February 2011Thumbnail for version as of 12:23, 28 February 20113,000 × 2,008 (1.92 MB)व्यवस्थापन (talk | contribs)

Metadata