क़ासिम बाज़ार: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==") |
m (कासिम बाज़ार का नाम बदलकर क़ासिम बाज़ार कर दिया गया है) |
(No difference)
|
Revision as of 11:02, 10 May 2011
- कासिम बाज़ार पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद ज़िले में भागीरथी नदी के तट पर स्थित है।
- कासिम बाज़ार का मध्यकाल में काफ़ी महत्त्व था।
- बंगाल के नवाबों की राजधानी मुर्शिदाबाद के निकट अवस्थित होने से कासिम बाज़ार को विशिष्ट महत्त्व प्राप्त था।
- कासिम बाज़ार में अंग्रेज, फ्रांसीसी और डच सभी यूरोपीय व्यापारियों ने अपने कारखाने स्थापित किये।
- कासिम बाज़ार में रहते हुए विदेशी शाक्तियाँ नई राजधानी मुर्शिदाबाद पर नज़र रख सकती थीं।
- प्लासी युद्ध के बाद ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने कासिम बाज़ार को नवाब सिराजुद्दौला के हाथ से छीन लिया। 1770 ई. में बंगाल में भीषण अकाल पड़ा जिससे यह क्षेत्र वीरान हो गया।
- मध्यकाल के समय कासिम बाज़ार रेशम उत्पादन का वृहत क्षेत्र था। कासिम बाज़ार के रेशम उद्योग को ढाका जैसी ही परिस्थितियों का सहयोग मिला अर्थात दोनों ही स्थानों पर कच्चा माल सुगमता से उपलब्ध होने लगा। कुशलतम बुनकर, कातने वालों तथा कच्चे माल की पूर्ति करने वालों का जमाव प्रांतीय राजधानी के आस-पास हो गया था।
- कासिम बाज़ार में रेशम उद्योग की सफलता का अशिकांश श्रेय कच्चे रेशम के उत्पादन पर उत्तरी बंगाल का एकाधिकार तथा कासिम बाज़ार के पास शहतूत के बागानों के केन्द्रीकरण को जाता है।
- रेशम के यूरोपीय व्यापारियों के लिए कासिम बाज़ार से हुगली तथा कोलकाता के बाज़ार में पहुँचकर तथा नदी के रास्ते से माल का निकास एक अतिरिक्त महत्त्वपूर्ण सुविधा थी।
- कासिम बाज़ार में हॉलैण्ड के व्यापारियों ने रेशम का एक कारखाना खोल रखा था। जिसमें 700-800 कारीगर काम करते थे। इसी प्रकार अंग्रेजों ने भी, जैसा कि बर्नियर सूचित करता है, एक रेशम का कारखाना यहाँ खोल रखा था।
|
|
|
|
|